EWS Reservation: सुप्रीम कोर्ट ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को मिलने वाले EWS कोटे (EWS Reservation) पर अहम फैसला सुनाते हुए 10 फीसदी आरक्षण को वैध करार दिया है। जस्टिस दिनेश माहेश्वरी ने EWS आरक्षण को सही करार दिया है। उन्होंने कहा कि, ये कोटा संविधान के मूलभूत सिद्धांतों और भावना का उल्लंघन नहीं करता है। माहेश्वरी के अलावा जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी ने EWS कोटे (EWS Reservation)के पक्ष में अपनी राय दी। उनके अलावा जस्टिस जेपी पारदीवाला ने भी गरीबों को मिलने वाले 10 फीसदी आरक्षण को सही करार दिया। आईये जानते हैं कि, 10 फीसदी कोटे वाले इस आरक्षण का फायदा किसे मिल सकता है और इसके नियम क्या हैं।
पीएम मोदी सरकार ने 2019 में लिया था बड़ा फैसला
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने साल 2019 में 103 वें संविधान संशोधन के तहत EWS कोटा लागू किया था। सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 के खंड 6 में इस कोटे को जोड़ा जो नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण देता है। इसके तहत राज्य सरकार शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण और नौकरी पर आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग (EWS) को 10 फीसदी आरक्षण दे सकती है। साथ ही अनुच्छेद 30 (1) के तहत आने वाले अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों को छोड़कर किसी भी शैक्षणिक संस्थान (प्राइवेट भी) में इस तरह का आरक्षण दिया जा सकता है।
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किसे मिलेगा ये फायदा
ये आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण है। ये आरणक्ष सिर्फ जनरल कैटेरगी यानी सामान्य वर्ग के लोगों के लिए है। अन्य श्रेणी के वर्गों जैसे ओबीजी (27%), एससी (15%), और एसटी (7.5%) आरक्षण पहले से है। इसका लाभ आपके और परिवार की वार्षिक आय पर निर्भर करता है। इसका फायदे लेने के लिए परिवरा की वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम होनी चाहिए। इसमें स्रोतों में सिर्फ सैलरी नहीं, कृषि, व्यवसाय और अन्य पेशे से मिलने वाली आय भी शामिल हैं।
कैसे मिलेगा EWS फैयदा
– EWS आरक्षण के तहत व्यक्ति के पास 5 एकड़ से कम कृषि भूमि होनी जरूरी है।
– इसके अलावा 200 वर्ग मीटर से अधिक का आवासीय फ्लैट नहीं होना चाहिए।
– 200 वर्ग मीटर से ज्यादा भूमि का आवासीय फ्लैट नगरपालिका के अंतर्गत भी नहीं होना चाहिए।
– EWS आरक्षण का पात्र होने पर हालांकि शैक्षणिक संस्थानों में आवेदन और सरकारी नौकरियों के लिए आयु में कोई छूट नहीं है लेकिन, कोटे से 10 फीसदी आरक्षण मिलता है।
– EWS के पात्र के पास आरक्षण का दावा करने के लिए ‘आय और संपत्ति प्रमाण पत्र’ होना जरूरी है।
– यह प्रमाण पत्र तहसीलदार या उससे ऊपर पद के राजपत्रित अधिकारी ही जारी करते हैं।
– इस प्रमाण पत्र की वैधता एक साल रहती है। जिसे अगले वर्ष फिर से रीन्यू करना होता है।
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