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India Defence: स्वदेशी स्तर पर तैयार होंगे रक्षा उत्पाद- 780 विदेशी सामनों पर रोक

India Defence: भारत सरकार इन दिनों अपनी देश की सुरक्षा (India Defence) को मजबुत करने में लगी हुई है। केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद से हर क्षेत्र के साथ ही डिफेंस में भी तेजी से विकास हो रहा है। वायुसेना, थल सेना और नेवी तक को सरकार मजबुत कर रही है। अब इस क्षेत्र में सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए 78 रक्षा उत्पादों के आयात पर रोक लगाने के फैसला किया है। इसके साथ ही अब ये स्वदेशी स्तर पर (India Defence) तैयार किए जाएंगे।

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऐसे 780 पुर्जों और सामान की एक नई सूची को मंजूरी दी है जिन्हें आयात पर रोक लगने के बाद केवल घरेलू उद्योगों से ही खरीदा जाएगा। यह तीसरी ऐसी सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची है, जिसमें विभिन्न सैन्य विभागों द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले पुर्जे, उपकरण और हथियार शामिल हैं और इसका लक्ष्य रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों की ओर से किए जा रहे आयात में कमी लाना है। इन पुर्जों के आयात पर रोक के लिए दिसंबर 2023 से दिसंबर 2028 तक की समयसीमा निर्धारित की है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि, राजनाथ सिंह ने सामरिक रूप से महत्वपूर्ण 789 लाइन रिप्लेसमेंट यूनिट्स (एलआरयू), उपतंत्रों अथवा पुर्जों की तीसरी सूची को एक निश्चित समयसीमा के साथ मंजूरी दी है, जिसके बाद उन्हें केवल घरेलू उद्योगों से ही खरीदा जाएगा। इससे पहले दिसंबर 2021 और मार्च 2022 में ऐसी ही दो सूची जारी की जा चुकी है।

रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि, इन वस्तुओं का स्वदेशी मेक (निर्माण) श्रेणी के तहत विभिन्न माध्यमों से किया जाएगा। मेक श्रेणी का लक्ष्य रक्षा क्षेत्र के विनिर्माण में भारतीय उद्योगों की भागीदारी बढ़ाकर आत्मनिर्भर होना है। बयान में बताया गया है कि, इसमें साजो-सामानन का डिजाइन तैयार करना और उन्हें विकसित करना आदि शामिल है।

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सरकार के इस फैसले से मेक इन इंडिया को बल मिलेगा। इससे घरेलू स्तर पर इन सामरिक वस्तुओं का उत्पादन देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा और डीपीएसयू की आयात पर निर्भरता को कम करेगा। डीपीएसयू शीघ्र ही एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट और रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल लाएगी।

आईएन ब्यूरो

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