पंजाब एवं हरियाणा कोर्ट ने शनिवार को देर रात भरतीय जनता पार्टी के नेता तजिंदर पाल बग्गा को बड़ी राहत दी है। मोहाली कोर्ट की ओर से जारी किए गए गिरफ्तारी वारंट के खिलाफ दायर अर्जी पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने अगले आदेश तक किसी भी ऐक्शन पर रोक लगा दी है। यानी की बिना कोर्ट का अगले अदेश के पंजाब पुलिस बग्गा को गिरफ्तार करने दिल्ली नहीं आ सकती है। बग्गा के खिलाफ भारतीय दंड सहिंता की धारा 153-ए, 505 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
पंजाब पुलिस ने भड़काऊ बयान देने, दुश्मनी को बढ़ावा देने और आपराधिक धमकी देने के आरोप में तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के खिलाफ मामला दर्ज किया था। मोहाली के निवासी आम आदमी पार्टी के नेता सनी अहलूवालिया की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया था। तजिंदर पाल सिंह बग्गा के पिता प्रीतपाल सिंह बग्गा ने कहा कि, हमें खुशी है कि पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय ने तजिंदर के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया। अरविंद केजरीवाल उनसे डरते हैं क्योंकि वह अपने गलत कामों को उजागर कर रहे हैं। उसने तजिंदर को आप में शामिल होने के लिए मनाने की भी कोशिश की लेकिन वह शामिल नहीं हुआ।
बता दें कि, पंजाब पुलिस जब उन्हें गिरफ्तार करने आई तो उन्हें पगड़ी तक नहीं पहनने दी। जिसके बाद पंजाब पुलिस की घोर निंदा हो रही है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने इसे लेकर पंजाब के मुख्य सचिव से सात दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा, हमने पंजाब के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सात दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी है कि बग्गा को पगड़ी पहनने की अनुमति नहीं दी गई।
उधर बीजेपी इस वक्त अरविंद केजरीवाल सरकार जमकर हमला बोल रही है। बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी ने भाजयुमो के राष्ट्रीय मंत्री तेजिंदर पाल सिंह बग्गा की गिरफ्तारी को लेकर पंजाब पुलिस को कठघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली से बिना सूचना के भाजपा नेता की गिरफ्तारी करना एक तरह से लोकतंत्र की हत्या है। कानून कहता है कि किसी दूसरे राज्य में जाकर किसी की भी गिरफ्तारी करने से पहले वहां के पुलिस प्रमुख, जिला पुलिस प्रमुख और थानेदार को बताना होता है लेकिन बग्गा की गिरफ्तारी में ऐसा कुछ नहीं हुआ। पंजाब पुलिस हो या दिल्ली की सरकार, इस मामले में दोनों की ही जवाबदेही बनती है।