राष्ट्रीय

केवल 1-2 प्रतिशत ने बिगाड़ा खेल, वरना Himachal में मातम मना रही होती Congress

Himachal Pradesh Election: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने गुजरात विधानसभा चुनाव में छप्परफाड़ जीत दर्ज कर इतिहास बना दिया है। हालांकि, पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh Election) में जनता ने अपना रिवाज नहीं बदला और कांग्रेस को सत्ता सौंप दी। लेकिन, बीजेपी के हार बहुत ज्यादा फर्क से नहीं हुई है। सिर्फ 1-2 प्रतिशत से हारी है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव (Himachal Pradesh Election) में बीजेपी, कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी भी मैदान में थी। लेकिन, आप का खाता तक नहीं खुला और अहम मुकाबला BJP और कांग्रेस के बीच ही रहा। जिसमें कांग्रेस ने कुछ ही प्रतिशत फर्क से बाजी मार ली।

आंकड़ें
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने कुल 40 सीटें हासिल की। कांग्रेस को 43.9 फीसदी वोट शेयर यानी 18 लाख 52 हजार 504 वोट मिले। भाजपा के खाते में 25 सीटें ही आ पाई। दल का वोट शेयर 43 प्रतिशत यानी 18 लाख 14 हजार 530 रहा। ऐसे में देखा जाए तो भाजपा ने हिमाचल की सरकार महज 37 हजार 974 मतों से गवां दी। साल 1951 के बाद यह आंकड़ा सबसे कम है। हिमाचल प्रदेश में सबसे बड़ी जीत सीएम रहे जयराम ठाकुर ने हासिल की। उन्होंने सिराज विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के चेतराम ठाकुर को 38 हजार 183 मतों से हराया। वहीं, जबसे कम अंतर की जीत भौरांज में हुई, जहां कांग्रेस के सुरेश कुमार के हाथों भाजपा के अनिल धीमान 60 वोट से हारे।

हिमाचल विधनासभा चुनाव जब 2017 में हुआ तो बीजेपी ने 8.79 फीसदी वोटर शेयर के साथ 44 सीटें जीती थीं और कांग्रेस को 21 सीटें मिली। दोनों दलों के बीच 7.11 प्रतिशत का अंतर था। एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2022 के नतीजे बताते हैं कि 25 सीटों पर भाजपा की जीत के औसत अंतर 7 हजार 427 के मुकाबले 40 सीटों पर कांग्रेस की जीत का अंतर 5 हजार 784 वोट कम था।

क्या कहता है इतिहास
सबसे बड़ी बात यह कि, हिमाचल प्रदेश में 1951 से लेकर 2022 के बीच 14 विधानसभा चुनाव हुए और वोट शेयर के मामले में जीत का अंतर सबसेस ज्यादा 45,49 फीसदी 1972 के चुनाव में रहा। उस दौरान कांग्रेस का वोट शेयर 53.24 फीसदी थी। भारतीय जन संघ को केवल 7.75 प्रतिशत वोट शेयर हासिल हुआ था। 39 सीटें अन्य दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में आई थीं। साल 2022 विधानसभा चुनाव की बात करें तो, बीजेपी बहुत ज्यादा वोटों से नहीं हारी है। सिर्फ कुछ ही वोटों के चक्कर में पासा पला है।

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आईएन ब्यूरो

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