दिल्ली में 15वीं सदी के एक महल को गिराकर और दिल्ली जल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के आधिकारिक आवास के रूप में उपयोग करने के लिए एक विशाल बंगला बनाया गया है।
जल बोर्ड के पूर्व सीईओ उदित प्रकाश राय का परिवार इस समयं इस बंगले में रह रहा है। उन्हें दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग द्वारा नोटिस जारी किया गया है। राय 2007 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और इस समय मिज़ोरम में तैनात हैं,उन पर यहां पहले बने ढांचे को गिराने और उसकी जगह बंगला बनाते हुए ख़ुद को आवंटित करने का आरोप लगाया गया है।
2021-22 में इस बंगले के अवैध निर्माण में मिलीभगत करने को लेकर मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार समेत डीजेपीबी के चार अन्य पदाधिकारियों को भी नोटिस जारी किया गया है।
यह ऐतिहासिक स्मारक उस पठान काल का है, जब सैय्यद वंश सत्ता में था। यह दिल्ली जल बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में था।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने जनवरी 2021 में इस महल को अपने कब्ज़े में लेने की मांग की थी, लेकिन जल बोर्ड ने इसे सौंपने से इनकार कर दिया था। सतर्कता विभाग का आरोप है कि उदित प्रकाश राय ने हैंडओवर में अड़ंगा लगाया था।
जल बोर्ड द्वारा इस स्मारक को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को सौंप दिया जाना था, लेकिन अधिकारियों ने बुधवार को जारी सतर्कता विभाग के नोटिस के अनुसार, जनवरी में एक संयुक्त निरीक्षण के दौरान इसे ग़ायब पाया था।
भाजपा और तृणमूल कांग्रेस सहित राजनीतिक दलों ने इस स्मारक के विध्वंस पर कार्रवाई की मांग की है। दिल्ली बीजेपी प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को लिखे पत्र में उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।