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IAF की बढ़ी ताकत! एयर फोर्स डे पर अपनी ताकत दिखाएगा C-295, गुजरात में होगी पहले स्क्वाड्रन की तैनाती

भारतीय वायु सेना (IAF) की ताकत लगातार बढ़ रही है। इसी क्रम में यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस से भारतीय वायु सेना (IAF) को अपना पहला सी-295 ट्रांसपोर्ट विमान मिल चुका है। पहले सी 295 ट्रांसपोर्ट विमान की डिलीवरी भारतीय वायु सेना (IAF) को स्पेन में दी गई है। इसके लिए भारतीय वायु सेना के एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी स्पेन पहुंचे हैं। विमान की डिलीवरी हासिल करने के बाद वायु सेना प्रमुख ने नए विमान में उड़ान भी भरी है।

दरअसल, एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह विमान महज 320 मीटर की दूरी में ही टेक-ऑफ कर सकता है। लैंडिंग के लिए इसे मात्र 670 मीटर की लंबाई चाहिए। ऐसी स्थिति में यह विमान भारत चीन सीमा के नजदीक लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाकों में वायु सेना के ऑपरेशन में शामिल हो सकता है। एयरक्राफ्ट अपने साथ 5 से 10 टन तक वजन ले जा सकता है। विमान एक बार में अपने साथ 71 सैनिक, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट को ले जा सकता है। इसके साथ ही यह ट्रांसपोर्ट विमान 480 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है।

भारतीय वायुसेना C-295 का पहला स्क्वाड्रन वडोदरा में स्थापित करेगी

इससे पहले वायु सेना (IAF) दिवस परेड पारंपरिक रूप से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ही आयोजित होता था। वर्ष 2021 तक गाजियाबाद स्थित हिंडन एयर बेस एयरफोर्स डे आयोजन का केंद्र हुआ करता था तीनों सेनाओं ने पिछले ही साल अपने प्रमुख समारोह देश के अन्य हिस्सों में आयोजित करने की नई परंपरा शुरू की। पिछला वायु सेना दिवस चंडीगढ़ में आयोजित किया गया था। C-295 का पहला स्क्वाड्रन वडोदरा में बनाया जाएगा, क्योंकि भारतीय वायुसेना चाहती है कि विमानों का शुरुआती बैच प्रोडक्शन फैसिलिटी के पास ही स्थित हो। अधिकारियों के मुताबिक सी-295 के एक स्क्वाड्रन में 10 से 12 विमान होंगे। आपको बता दें कि टाटा और एयरबस के बीच हुए मेक इन इंडिया समझौते के तहत सी-295 विमानों की प्रोडक्शन फैसिलिटी वडोदरा में बनाई गई है।

एयरबस 16 सी-295 विमानों को रेडी-टू-फ्लाई कंडीशन में डिलीवर करेगा

रक्षा मंत्रालय द्वारा डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए 56 सी-295 विमानों के लिए एयरबस के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के 2 साल बाद पहले विमान की डिलीवरी हुई है। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और एयरबस जॉइंट वेंचर के तहत इस प्रोजेक्ट को पूरा करेंगे। यूरोपीय विमान निर्माता 16 सी-295 विमानों को रेडी-टू-फ्लाई कंडीशन में भारतीय वायुसेना को डिलीवर करेगा, जबकि बाकी 40 विमानों की असेम्बलिंग वडोदरा स्थित टाटा फैसिलिटी में होगी। IAF का दूसरा C-295 सेविले में फाइनल असेंबली में है, और मई 2024 में डिलीवर किया जाएगा। एयरबस 16 फ्लाईअवे विमानों में से अंतिम को अगस्त 2025 तक भारतीय वायुसेना को सौंप देगा, जबकि पहला ‘भारत में निर्मित’ सी-295 सितंबर 2026 में वडोदरा फैसिलिटी से बाहर आएगा और शेष 39 अगस्त 2031 तक आएंगे।

यह भी पढ़ें: स्वदेशी विमानों पर बढ़ा IAF का भरोसा, 100 और फाइटर जेट खरीदने को तैयार

आईएन ब्यूरो

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