राष्ट्रीय

इंडिया के तेवर से LAC पार भगदड़, 28 महीने बाद उल्टे पांव भागी चीनी फौज

India China LAC: जब साल 2020 में चीन ने गलवान में भारतीय सीमा में घुसा तो उसे अंदाजा नहीं था कि, भारत से उसे इस कदर मुंहतोड़ जवाब मिलेगा। गलवान वैली (India China LAC) में जब चीनी सेना और भारतीय सेना आमने सामने हुए तो नुकसान दोनों को हुआ लेकिन, चीन को भारी नुकासन हुआ। चीन के 40 सैनिक मारे गए। इसके बाद से चीन भन्ना उठा और वो सीमा पर सैनिकों की मुस्तैद तो बढ़ा दी ही साथ ही 50 हजार से ज्यादा सैनिकों को LAC के पास तैनात कर दिया। फाइटर जेट्स से लेकर टैंक तक की तैनाती कर दी। उसे लगा कि भारत को वो डराएगा तो वो डर जाएगा। लेकिन, इसके जवाब में भारत ने चीन से ज्यादा सैनिकों की तैनाती के साथ ही अपनी पूरी तैयारी कर ली। अंत में हुआ यह की 28 महीने बाद चीनी फौज गलावन (India China LAC) में इंडियन आर्मी के तेवर देख उलटे पैर दबाकर भागने के लगी है।

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दोनों देशों के बीच गलावन झड़प के बाद तनाव काफी बढ़ गया। इसके बाद कुटनीतिक और सैन्य बातचीत कर मामले का हल निकालने की कोशिशें की गई, लेकिन चीन कुछ पॉइंट्स से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं था। भारत और चीन के कोर कमांडर स्तर की 16वें दौर की हुई बातचीत में बनी आम सहमति के अनुसार चीनी सेना पीछे हटने के लिए तैयार हो गई है। रक्षा मंत्रालय ने संयुक्त बयान जारी कर बताया है कि गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स (पीपी-15) क्षेत्र से भारत और चीन के सैनिकों ने सुनियोजित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया है। संयुक्त बयान में कहा गया है कि यह सीमावर्ती क्षेत्रों में शाति और स्थिरता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। भारत और चीन के बीच 16वें दौर की बातचीत 17 जुलाई को हुई थी। दरअसल, चीन किसी भी कीमत पर अब तक गोगरा हॉटस्प्रिंग्स में पट्रोलिंग पाइंट पीपी-15 से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं था। चीन की इन हरकतों को देखते हुए भारत ने अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी थी। क्षेत्र में दोनों तरफ बड़ी संख्या में सैनिक तैनात किए गए थे।

बता दें कि, भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC पर आधिकारिक रूप से अभी सीमांकन नहीं हुआ है। भारतीय सेना कुछ निश्चित स्थान तक पेट्रोलिंग करती आ रही है। यहां कई पोस्ट (पॉइंट्स) हैं जिसका इस्तेमाल सैनिक अपना नियंत्रण बनाए रखने के लिए करते हैं। एलएसी से लगे लद्दाख में 60 से ज्यादा पट्रोलिंग पॉइंट्स हैं। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर दो साल बाद भी कई क्षेत्रों में भारत और चीन के बीच आम सहमति नहीं बन पाई थी। एक साल पहले हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट के इलाकों से भारत और चीन के सैनिक पीछे हटने लगे थे लेकिन यह काम अधूरा रह गया। यहां से चीन पीछे हटने से इनकार कर दिया. जिसके बाद भारत ने भी अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी।

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गौरतलब हो कि, हॉटस्प्रिंग्स-गोगरा-कोंगका झील इलाके में पेट्रोलिंग पॉइंट्स 15, 17 और 17ए हैं। यह इलाका भारत और चीन दोनों के लिए महत्वपूर्ण समझा जाता है। चीन की सेना गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र से दूसरी जगहों पर तैनात अपने सैनिकों के लिए भारी मात्रा में रसद पहुंचा पाती हैं। चीन को शुरुआत में लगा था कि वो भारत की जमीनों को हड़प लेगा और भारत कुछ नहीं बोलेगा। उसे इस तरह से जवाब मिलने का अंदाजा नहीं था। अंत में चीन को समझ आ चुका है कि, भारत किसी भी हाल में पीछे हटने वाला नहीं है। जिसके बाद ड्रैगन ही दुम दबाकर भाग निकला।

आईएन ब्यूरो

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