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LAC पर इंंडियन फोर्सेस की युद्धक तैयारियां देख चीनी सेना में मची खलबली

LAC पर इंडियन आर्मी की तैयारियां देख बौखलाया ड्रैगन!

एक तरफ चीन ताइवान के साथ तनाव झेल रहा है तो वहीं भारतीय सेना की LAC पर  चीन की मुश्कें कसना शुरू कर दिया है। इसीकारण से चीन बिलबिलाया हुआ है। चीन की समझ में नहीं आ रहा कि वो क्या करे। कभी भारत के साथ नरम तो कभी गरम रुख दिखाता है। गरम रुख कहना गलत होगा, चीन के रुख में खिसियाहट और झुंझलाहट दिखाई दे रही है। लेकिन भारत अपनी तैयारियों को समान गति से बढ़ा रहा है। यानी LAC पर बुनियादी सुविधाओं का जुटान युद्ध स्तर पर चल रहा है। इस के अलवा अमेरिका ने चीनी कंपनियों को माइक्रो चिप सप्लाई पर पूरी तरह बैन कर दिया है। इससे भी चीन की चिंताएं बढ़ी हुई हैं।

सेना के शीर्षस्थ सूत्रों के मुताबिक सड़कों, ब्रिजों और एम्यूनिशन डिपो के निर्माण से लेकर निगरानी प्रबंधन को भी बेहतर बनाया जा रहा है। सेना के एलएसी के नजदीक स्थित आरएएलपी (रेस्ट आफ अरुणाचल प्रदेश) में सेना को तेजी से पहुंचाने के लिए भी आधारभूत ढांचे का निर्माण किया जा रहा है।

दूसरी माउंटेन डिविजन में जनरल अफसर कमांडिंग और मेजर जनरल एमएस बैंस के मुताबिक सेना का फोकस पूरी तरह से उत्तरी सीमा पर है। वहां लगभग सभी उग्रवाद निरोधक अभियानों को असम राइफल्स अंजाम दे रही है। उन्होंने बताया कि सड़कों, ब्रिजों, सुरंगों, हेलीपैड आदि समेत विकास परियोजनाओं को पूरा करने के लिए क्षमता बढ़ाई जा रही है। अन्य बुनियादी ढांचों के लिए कड़ी समय-सीमा निर्धारित की गई है। खासकर ऊपरी दिबांग घाटी क्षेत्र में सभी तैयारियां चुस्त-दुरुस्त की जा रही हैं। सेना की युद्धक तैयारी बहुत ही उच्च स्तर की है।

एक अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के मुताबिक सामरिक और संवेदनशील इलाकों जैसे-किबिथू, वालोंग और हैयुलियांग में 4जी नेटवर्क स्थापित करने की तैयारी चल रही है। चीन ने एलएसी पर अपनी तरफ विभिन्न स्थानों पर बड़े पैमाने पर मोबाइल टावर लगा दिए हैं। इसलिए स्वाभाविक रूप से भारतीय फोन अपने आप ही चीनी नेटवर्क को पिकअप कर लेते हैं। चीनी सिग्नल्स को इंटरसेप्ट करने और मैसेजेस को डीकोड करने का काम भी किया जा रहा है। इसके अलावा कोशिश की जा रही है कि भारतीय जवानों के संदेशों को चीनी नेटवर्क से बचाकर रखा जाए।

आरएएलपी क्षेत्र समेत विभिन्न स्थानों पर भारतीय सैन्य बलों को नए सिरे से दिशा-निर्देश दिए गए हैं। 73 माउंटेन ब्रिगेड को छोड़कर सभी सैन्य इकाइयां एलएसी की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए काम कर रही हैं। जबकि असम के डिब्रूगढ़ के पास लाइपुली स्थित मुख्यालय में स्थित 73 माउंटेन ब्रिगेड को राज्य के चार जिलों में उग्रवाद निरोधक अभियानों में लगाया गया है। इसलिए असम, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति में पहले से सुधार हुआ है।