China-India: चीन की घटिया हरकतों और चाल के चलते दुनिया के लगभग हर देशों से अनबन है। खासकर उन देशों के साथ जिनके साथ वो सीमा साझा करता है उनसे तो चीन हमेशा विवादों में घिरा रहता है। क्योंकि, चीन इनकी जमीनों को हड़पने की कोशिश करता रहा है। 2020 भारत के साथ भी गलवान वैली में चीन (China-India) ने कुछ ऐसा ही किया था। चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र में घुस आए और उसपर अपना हक जताने लगे। यहां पर हुए खूनी संघर्ष में चीन को भारी नुकसान हुआ। चीन की इसी चाल के बाद से भारत लगातार चौकन्ना है। इसके बाद चीन रुका नहीं बल्कि, वो लगातार सीमा पर दोनों देशों के बीच बनाए गए नियमों का उल्लंघन करता रहा। अब भारत ने अरुणाचल में LAC के पास जो तैयारियां की हैं उससे चीन (China-India) के पीसने छूट जाएंगे।
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दरअसल, भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सामरिक और संवेदनशील क्षेत्र अरुणाचल प्रदेश में अपने सैन्य बलों को प्रभावी तरीके से चाकचौबंद कर रही है। ताकि पूर्वी लद्दाख में सीमा पर चीनी सेना से झड़प के बाद युद्ध की पूरी तैयारी रहे। इस क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं के लिए युद्धस्तर पर निर्माण कार्य भी चल रहा है। वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि, सड़कों, ब्रिजों और एम्यूनिशन डिपो के निर्माण से लेकर निगरानी प्रबंधन को भी बेहतर बनाया जा रहा है। सेना के एलएसी के नजदीक स्थिति आरएएलपी (रेस्ट ऑफ अरुणाचल प्रदेश) में सेना को तेजी से पहुंचाने के लिए भी आधारभूत ढांचे का निर्माण किया जा रहा है।
दूसरी माउंटेन डिविजन में जनरल अफसर कमांडिंग और मेजर जनरल एमएस बैंस ने कहा कि क्षेत्र में सेना का फोकस पूरी तरह से उत्तरी सीमा और वहां लगभग सभी उग्रवाद निरोधक अभियानों को असम राइफल्स अंजाम दे रही है। उन्होंने बताया कि सड़कों, ब्रिजों, सुरंगों, हेलीपैड आदि समेत विकास परियोजनाओं को पूरा करने के लिए क्षमता बढ़ाई जा रही है। अन्य बुनियादी ढांचों के लिए कड़ी समय-सीमा निर्धारित की गई है। खासकर ऊपरी डिबांग घाटी क्षेत्र में सभी तैयारियां चुस्त-दुरुस्त की जा रही हैं। सेना की क्षेत्र में युद्धक तैयारी बहुत ही उच्च स्तर की है। एक अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने बताया कि सामरिक और संवेदनशील इलाकों जैसे- किबिथू, वालोंग और हैयुलियांग में 4जी नेटवर्क स्थापित करने की तैयारी चल रही है। चीन ने एलएसी पर अपनी तरफ विभिन्न स्थानों पर बड़े पैमाने पर मोबाइल टावर लगा दिए हैं। इसलिए स्वाभाविक रूप से भारतीय फोन अपने आप ही चीनी नेटवर्क को पिकअप कर लेते हैं।
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भारतीय सैन्य बलों ने आरएएलपी क्षेत्र समते विभिन्न स्थानों पर नए सिरे से दिशा-निर्देश दिए गए हैं। 73 माउंटेन ब्रिगेड को छोड़कर सभी सैन्य इकाइयां एलएसी की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए काम कर रही हैं। जबकि असम के डिब्रूगढ़ के पास लाइपुली स्थिति मुख्यालय में स्थित 73 माउंटेन ब्रिगेड को राज्य के चार जिलों में उग्रवाद निरोधक अभियानों में लगाया गया है। इसलिए असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति में पहले से सुधार हुआ है।
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