दुनिया भारत को कर रही सलाम, गरीबों को फ्री भोजन और कोरोना प्रबंधन पर बड़े-बड़े देशों ने पीएम मोदी का माना लोहा

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कोरोना महामारी का असर पूरी दुनिया पर दिखा। जब यह वायरस लोगों की जान ले रहा था तो दुनिया भर के वैज्ञानिक इसपर रिसर्च कर वैक्सीन का निर्माण करने पर लगे हुए थे। इस महामारी ने भारत में भी कोहराम मचाया लेकिन, भारत का प्रबंधन दुनिया से काफी बेहतर रहा। केंद्र की मोदी सरकार ने कोरोना के वैक्सीन निर्माण पर तेजी से काम किया है और अंत में बड़े देशों के साथ भारत का भी वैक्सीन निर्माण में नाम शामिल हो गया। सरकार ने 130करोड़ की आबादी वाले देश में वैक्सीनेशन अभियान चला कर तेजी से लोगों को टिका लगाने का काम किया। इसके साथ ही गरीबों को फ्री में भोजन से अस्पतालों के प्रबंध पर तेजी से काम किया। साथ ही दुनिया के कई बड़े छोटे देशों की भारत ने मदद की।</p>
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भारत के कोविड-19टीकाकरण अभियान के तहत किए गए उपायों ने देश को ओमिक्रॉन के प्रसार को नियंत्रित करने में मदद की, जो वैश्विक स्तर पर पिछली लहर की तुलना में छह गुना अधिक संक्रामक था। गुरुवार को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने यह बात कही। एक वेबिनार के दौरान, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने अन्य देशों की तुलना में टीकाकरण में भारत की उपलब्धि और सरकार द्वारा सक्रिय प्रबंधन के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि आज भारत अन्य देशों की तुलना में ओमिक्रॉन को बेहतर तरीके से प्रबंधित किया है। आज भी विश्व स्तर पर 15-17लाख मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन भारत में रोजाना लगभग 3000दैनिक मामले दर्ज हो रहे हैं।</p>
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उन्होंने कहा कि, भारत ने 180करोड़ से अधिक वैक्सीन खुराकें दी हैं जो कि अमेरिका की तुलना में 3.2गुना और फ्रांस के मुकाबले 12.5गुना है। भारत में पूरी तरह से टीकाकरण के लाभार्थियों की संख्या 81करोड़ से अधिक है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका का 3.9गुना और फ्रांस का 15.6गुना है। 96.74करोड़ वयस्क लाभार्थियों ने भारत में कम से कम पहली खुराक ली की है जो अमेरिका की जनसंख्या का 2.96गुना और रूस की जनसंख्या का 6.71गुना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर एक दिन में 2.5करोड़ वैक्सीन की खुराक दी गई जो ऑस्ट्रेलिया की आबादी के बराबर है। एक साल से भी कम समय में कुल 150करोड़ खुराकें दी गईं, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है।</p>
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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, वैश्विक आंकड़े बताते हैं कि कम लोगों के संक्रमित होने, कम गंभीर और कम मौतों के मामले में टीके ओमिक्रॉन वैरिएंट का मुकाबला करने में सफल रहे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने वेबिनार में कहा, पीएम के जन्मदिन पर एक दिन में 2.5 करोड़ टीके लगाना आसान नहीं था और सिस्टम में कोई खामी नहीं थी। यह भारत की शक्ति और प्रबंधन कौशल को दर्शाता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने देश में कोविड संकट प्रबंधन और टीकों के प्रशासन में स्वास्थ्य कर्मियों और गैर सरकारी संगठनों के प्रयासों की भी सराहना की।</p>
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आईएन ब्यूरो

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