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India Army के Super-50 पहल से घबराई Pakistan आर्मी! कश्मीर के बच्चे अब आतंक नहीं शिक्षा की राह पर होंगे

भारतीय सेना का Super-50 से पाक की सेना में मची खलबली

इस वक्त भारत सरकार जम्मू-कश्मीर को लेकर काफी सख्त है। यहां पर केंद्र की मोदी सरकार आने के बाद विकास की धारा बहने लगी है। इस बीच पिछले कुछ सालों में आतंकवाद भी कम हुआ है। सरकार ने सेना को छूट दे रखी है कि जितना जल्द हो सके यहां से आतंकवाद का पूरी तरह से खात्म करे। भारतीय सेना और स्थानीय पुलिस मिलकर पिछले कई सालों से कई अभियान चला रही हैं जिसके तहत, आतंकियों को ठीकाने लगाया जा रहा है। इसके साथ ही पाकिस्तान लगातार सीमा पर आतंकियों की घुसपैठ कराने पर लगा हुआ है लेकिन भारतीय सेना इन आतंकियों को वहीं मार गिरा रही है। अब सेना ने सुपर 50 अभियान चलाया है जिसके तहत कश्मीर के लोग सरकार और सेना की खूब वाहवाही कर रहे हैं और हमारे पड़ोसी मुल्क में इसे लेकर खलबली मची हुई है।

दरअसल, भारतीय सेना देशा की रक्षा करने के साथ ही अब कश्मीरी बच्चों की पढ़ाई के लिए भी आगे आ रही है। सेना ने देश की लोकप्रिय कोचिंग सुपर-30 (Super-30) की तरह नॉर्थ कश्मीर में सुपर-50 पहल की शुरुआत की है। जिसके तहत बच्चों को फ्री में पढ़ाई करवाई जाएगी और स्टूडेंट्स को मेडिकल कंपेटेटिव एग्जाम के लिए तैयारी करवाई जाएगी। इतना ही नहीं, सेना की ओर से उन विद्यार्थियों की आर्थिक मदद भी की जाएगी, जिनका मेडिकल कॉलेज में एडमिशन हो गया हो। सेना की ओर से गरीब परिवार के विद्यार्थियों की मदद की जाएगी।

मीडिया में एक आई रिपोर्ट की माने तो, मेजर जनरल एसएस स्लारिया ने कहा है कि, उत्तरी कश्मीर में स्थिति सामान्य होने की ओर बढ़ रही है। स्कूलों में जाने वाले छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी होने के साथ ही आतंकी घटनाओं में गिरावट होने के चलते मौजूदा हालातों में सुधार हो रहा है। उत्तरी कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति स्टेबल है। यह सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रहा है। इसके आगे उन्होंने कहा कि, आतंक के मामले कम हो रहे हैं और हड़ताल की घटनाओं में कमी आ रही है। पर्यटन क्षेत्र पर्यटकों के बेहतर आगमन की ओर देख रहा है और अधिक छात्र स्कूलों में जा रहे हैं। युवाओं को अपने नायकों का चयन अच्छे से करना होगा। अगर वे उन्हें अच्छी तरह से चुनते हैं, तो वो सही रास्ते पर होंगे।

क्या है सुपर 50

सेना के सुपर 50 पहल के तहत कुल 50 बच्चों को चुना जाता है जिसमें, 30 लड़के और 20 लड़कियों को लिया जाता है और उन्हें मुफ्त में पढ़ाया जाता है। इसकी शुरुआत साल 2018 में की गई थी और उस वक्त स्कूलों से संपर्क करके सुपर50 के लिए परीक्षा का आयोजना किया गया। उस दौरान 30 छात्रों को लिया गया जिसमें से 25 ने मेडिकल कॉलेजों के लिए प्रवेश परीक्षा पास कर ली। इसे पर सुपर 30 से सुपर 50 में बदल दिया गया है। जिसमें लड़कियों को भी शामिल किया गया है। छात्रों को पूरी तरह से फ्री में सुविधाएं दी जाती हैं। एम्स जैसे संस्थानों में प्रवेश मिलने के बाद सेना भी फीस दे रही है। बच्चों को हॉस्टल की सुविधा भी दी जाती है।