राष्ट्रीय

खुद को बता रहा था ISRO वैज्ञानिक, फर्जी पाए जाने पर हुआ गिरफ्तार।

खुद को ISRO के चन्द्रयान-3 से जुड़ा हुआ वैज्ञानिक बता रहा था,गहन जांच के बाद पता चला कि यह व्यक्ति फर्जी वैज्ञानिक है। पुलिक गिरफ्त में आरोपी ना तो वैज्ञानिक है और ना ही इसरो के चन्द्रयान-3 से जुड़ा हुआ है।

फर्जी तरीके से अपने आपको वैज्ञानिक बताने वाले व्यक्ति को जब पुलिस ने अपने गिरफ्त में लिया और उससे कड़ी पूछताछ किया तो सच्चाई सामने आ गई।पुलिस ने बताया कि ‘‘गहन जांच से पता चला कि वह व्यक्ति किसी भी तरह से ISRO के चंद्रयान-3 मिशन से जुड़ा नहीं था और उसने इसरो कर्मचारी होने का झूठा दावा किया था।’’

पुलिस की माने तो पकड़े गए व्यक्ति ISRO के बारे में फर्जी संदेश फैलाया जिससे बेंगलुरु मुख्यालय वाली संस्था ISRO की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है।

गिरफ्तार व्यक्ति ट्यूशन चलाता है

बता दें कि मंगलवार को पुलिस ने गुजरात के सूरत से एक निजी शिक्षक को खुद को ISRO के वैज्ञानिक बताने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की माने तो आरोपी व्यक्ति ने खुद को वैज्ञानिक बताते हुए सूरत में मीडिया को साक्षात्कार किया था और दावा किया था कि उसने चंद्रमा मिशन ‘चंद्रयान-3’के लिए लैंडर मॉड्यूल का डिजाइन तैयार किया था।

पुलिस गिरफ्त में आरोपी मितुल त्रिवेदी

बताया जा रहा है कि 30 वर्षीय आरोपी मितुल त्रिवेदी सूरत में ट्यूशन क्लास चलाता है। छात्रों के बीच ज्यादा आकर्षण के कारण आरोपी व्यक्ति ने ऐसा जघन्य अपराध किया औऱ खुद को इसरो वैज्ञानिक के रूप में पेश करता था।

चन्द्रयान-3 के मॉड्यूल बनाने का किया था दावा

पूछताछ के दौरान पता चला कि 23 अगस्त को चंद्रयान-3 के मॉड्यूल को डिजाइन करने का दावा करते हुए विक्रम लैंडर के चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने के बाद स्थानीय मीडिया को साक्षात्कार देते हुए देखे जाने पर त्रिवेदी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। उन्होंने कहा कि त्रिवेदी ने इसरो के ‘‘प्राचीन विज्ञान अनुप्रयोग विभाग” के ‘‘सहायक अध्यक्ष” के रूप में खुद को कथित तौर पर पेश किया और एक फर्जी नियुक्ति पत्र भी पेश किया।

IPC के कई आधारों के तहत प्राथमिकी दर्ज

इधर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 419 (धोखाधड़ी), 465 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), और 471 (जाली दस्तावेज के इस्तेमाल) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। हालांकि पुलिस अधिकारियों ने कहा, ‘‘हमने इसरो से संपर्क किया जिसने कहा कि प्रथमदृष्टया आरोपी द्वारा दिखाया गया पत्र उसके द्वारा जारी नहीं किया गया था। अंतरिक्ष एजेंसी जल्द ही विस्तृत जवाब भेजेगी।”

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आईएन ब्यूरो

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