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हनुमान जयंती पर हिंसा: ‘पुष्पा’ जैसी डेयरिंग दिखाने वाले अंसार की खुली जन्म कुंडली, दिल्‍ली दंगो में भी रहा है इसका हाथ!

जहांगीरपुरी हिंसा: 'पुष्पा' जैसी डेयरिंग दिखाने वाले अंसार कि खुली जन्म कुंडली

राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके हनुमान जयंती के मौके पर शाम को निकली शोभायात्रा में पथराव के बाद हिंसा भड़क गई जिसमें पुलिसवालों के साथ ही कई लोग घायल हो गए। इस मामले का सरगना आरोपी अंसार इतना बेशर्म है कि जब कोर्ट में उसकी पेशी के लिए ले जाया जा रहा था तब वो फिल्मी अंदाज में एक्शन करते हुए इशारा किया कि, 'मैं झुकेगा नहीं'। अंसार को लेकर नए-नए खुलासे होने शुरू हो गए हैं। इसकी हिस्ट्री देखी जाए तो इसके खिलाफ कई सारे अपाधिक मामले हैं। वह मारपीट के दो केस में पहले भी जेल जा चुका है। साथ ही गैम्बलिंग पेक्ट और आर्म्स एक्ट के तहत भी उसके खिलाफ पांच बार मुकदमा हो चुका है।

दिल्‍ली की एक अदालत ने अंसार और हिंसा के एक अन्‍य आरोपी, 21 साल के असलम को सोमवार तक पुलिस कस्‍टडी में भेज दिया है। पुलिस को असनल के पास से पिस्‍टल भी बरामद हुई है जो कथित रूप से हिंसा में इस्‍तेमाल हुई। मामले के अन्‍य 12 आरोपियों को 14 दिन की जुडिशल कस्‍टडी में भेजने का आदेश कोर्ट ने दिया। दिल्ली पुलिस की माने तो अंसार को पहले से भी पता था कि शोभा यात्रा कहां से होकर निकलेगी जिसके बाद उसी ने हिंसा की पूरी साजिश रची। पूरी हिंसा का मास्टरमांडइ बताया जाने वाले अंसार की पत्नी का कहना है कि वो बेकसूर है। वहीं, असलम ने बवाल के दौरान गोली चलाई थी। पुलिस के मुताबिक, हिंसा का मुख्य आरोपी अंसार गिरफ्तार घोषित बदमाश है।

रोहिणी कोर्ट में रिमांड याचिका पर सुनवाई के दौरान पुलिस ने दावा किया कि अंसार और असलम, दोनों को पहले से पता था कि शोभा यात्रा उस तरफ से निकलेगी। पुलिस के अनुसार, इन्‍होंने ही साजिश रची। आरोप है कि अंसार और उसके साथियों ने धार्मिक जुलूस निकाल रहे लोगों से बहस की। इसके बाद बात बढ़ी तो पथराव हो गया। उपद्रवियों ने गोलियां भी चलाईं। करीब एक घंटे तक भीड़ ने जमकर हिंसा की। FIR के मुताबिक, शोभा यात्रा शांतिपूर्ण थी मगर जैसे ही वह जहांगीरपुरी के सी ब्‍लॉक स्थिति एक मस्जिद के पास पहुंची, माहौल बिगड़ गया। यहीं पर अंसार के नेतृत्‍व में 5-6 लोगों ने उधर से यात्रा निकालने पर झगड़ा शुरू कर दिया। सी ब्‍लॉक/कुशल चौक का जिक्र 2020 दिल्‍ली दंगों की चार्जशीट में बार-बार किया गया था। कॉल इंटरसेप्‍ट्स के आधार पर पुलिस का दावा था कि यहां से बसों में भरकर लोग मौजपुर व अन्‍य इलाकों में ले जाए गए और CAA-NRC विरोध के नाम पर हिंसा और बवाल किया गया।

अंसरा को लेकर सोशल मीडिया पर भी चर्चा छिड़ गई है और इसे लेकर कई जानकारियां शेयर की जा रही हैं। हालांकी, इनकी पुष्टि अब तक पुलिस ने नहीं की है। उधर भाजपा का दावा है कि, अंसार की नजदीकियां दिल्ली की आप सरकार (आम आदमी पार्टी) के किसी विधायक से है। सोशल मीडिया पर कई फोटो वायरल हुए हैं जिसमें अंसार मोटी सोने की चेन पहले और गाड़ी के बोनट पर पैर टिकाए हुए नजर आ रहा है। बीजेपी ने इस हिंसा को लेकर सीधे तौर पर AAP को जिम्मेदार ठहराया है। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता का कहना है कि, जिस मोहम्मद अंसार ने भीड़ में फायरिंग की थी, वह आम आदमी पार्टी के एक विधायक का बेहद करीबी है और उनके इशारे पर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता रहता है। उन्होंने आप सरकार पर भी दिल्ली में अवैध तरीके से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को मुफ्त बिजली, पानी और राशन देकर दिल्ली की शांति व्यवस्था को भंग करने का आरोप लगाया।