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इतिहास रच रहे Jammu Kashmir के युवा, दर्जी के बेटे ने Khelo India में साइकिलिंग में लहराया परचम, जीता गोल्ड

जम्मू-कश्मीर के अल्ताफ़ ने साइकिलिंग में गोल्ड मेडल जीत कर रचा इतिहास

गुरबत और गरीबी के बीच जम्मू-कश्मीर के आदिल अल्ताफ ने हरियाणा के पंचकला में खेले गए ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स’ की 70 किमी साइकिलिंग स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। उन्होंने एक घंटे, 59 मिनट और 22 सेकंड में 72 किलोमीटर की दौड़ पुरी की।

जम्मू-कश्मीर के लिए पहला साइकिलिंग गोल्ड जीतने वाले अल्ताफ बेहद ही गरीब और पिछड़े परिवार से आते हैं। उनके पिता राजधानी श्रीनगर के लाल बाजार में दर्जी का काम करते हैं। उन्होने अपनी सीमित आय से बेटे को पेशेवर साइकिलिस्ट बनाया। आज गोल्ड मेडल जीतकर अल्ताफ़ ने खुद को देश के टॉप साइकिलिस्टों की सूची में शामिल कर लिया।

12 वीं कक्षा के छात्र अल्ताफ को बचपन से ही साइकिल चलाने का बड़ा शौक रहा। स्कूली दिनों से ही अल्ताफ़ ने रेसिंग साइकिल चलाना शुरू कर दिया था। वह अपने दर्जी पिता के सामान पहुंचाने के लिए लाल बाजार की भीड़-भाड़ वाली गलियों में साइकिल दौड़ाया करते थे। वह बताते है कि जब वह 15 साल के हुए तो उन्होंने पहली बार अपने स्कूल हार्वर्ड, कश्मीर में साइकिलिंग इवेंट में हिस्सा लिया। इसके बाद उन्होंने इस खेल को गंभीरता से लिया। हालांकि शुरुआत में उनके साईकल चलाने के इस शौक से कई लोग खफा थे। लेकिन इस शौक को उनके एक दोस्त के पिता ने समझा और उन्हे एक रेसिंग साइकिल उपहार में दी।

इस साइकिल से उन्होंने पुलिस साइकिल दौड़ में हिस्सा लिया और गोल्ड मेडल के साथ 20,000 रुपये का नकद पुरस्कार भी जीती। स्थानीय आयोजनों में लगातार मिलने वाली कामयाबी के बाद अल्ताफ की मदद के लिए भारतीय स्टेट बैंक आगे आया और 4.5 लाख रुपये की एमटीबी बाइक खरीदने में मदद की।

अल्ताफ ने 2019 में 10 किलोमीटर साइकिल दौड़ में अपना पहला कांस्य पदक जीता। 2020 में जम्मू और कश्मीर राज्य साइकिलिंग चैंपियनशिप में एक टाइम ट्रायल इवेंट में रजत पदक जीता। इसी साल उन्होंने मुंबई में नेशनल साइक्लिंग चैंपियनशिप में उन्होंने 60 किलोमीटर रोड रेस में 11वां स्थान पाया और फिर 30 किलोमीटर टाइम ट्रायल रेस में चौथे स्थान पर रहे। पिछले साल 20 किलोमीटर की टाइम ट्रेल रेस में वह पांचवें स्थान पर रहे। खेलो इंडिया यूथ गेम्स में शामिल होने के लिए अल्ताफ़ ने पूरे एक साल पंजाब के एनआईएस पटियाला में तैयारी की। इस दौरान उन्होंने रोजाना 80 से 100 किमी तक साइकिलिंग की।

उन्होंने अपनी जीत को एक बड़ा क्षण करारा दिया और कहा कि गोल्ड मेडाल जीतने से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। वह कहते हैं कि उनका सपना अब भारतीय जर्सी पहनकर एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के लिए पदक जीतना है। आदिल फिलहाल एनआईएस के कोच जोगिंदर सिंह से प्रशिक्षण ले रहे हैं।

जोगिंदर सिंह का मानना है कि वह आगे भी इससे बढ़कर सफलता हासिल कर सकता हैं। वह प्रति सप्ताह औसतन 80-90 किलोमीटर साइकिल चलाता है। हम उसकी गति को बढ़ाने की कोशिश करेंगे। जिससे भविष्य में वह भारत के लिए एशियाई खेलों या राष्ट्रमंडल खेलों के लिए क्वालीफाई कर सके।

उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी आदिल को गोल्ड मेडल जीतने पर मुबारकबाद दी। उन्होने अपने ट्वीट में लिखा, "आदिल अल्ताफ को खेलो इंडिया यूथ गेम्स में ऐतिहासिक स्वर्ण और एक नया रिकॉर्ड बनाने के लिए बधाई। जम्मू कश्मीर की साइकिलिंग टीम ने सेकेंड रनर ट्रॉफी जीतकर इतिहास रच दिया। #KIYG2021"

आदिल की ये कामयाबी कश्मीर में बड़े बदलाव का सबब बन सकती है। मौज-मस्ती के लिए साईकिल चलाने कश्मीरी युवा इसमे अपना करियर बना सकते है।

(लेखक नई दिल्ली स्थित पत्रकार और सम सामयिक विषय के जानकार हैं।)