Kohinoor Diamond: ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ II (Queen Elizabeth II) के निधन के बाद उनके ताज पर सजे कोहिनूर हीरे को लेकर भारत ने फिर अपना दावा ठोंका है। ओडिशा के एक सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन (socio-cultural organisation) ने दावा किया है कि कोहिनूर हीरा(Kohinoor diamond) भगवान जगन्नाथ का है। इतना ही नहीं संगठन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से ब्रिटेन से यह कोहिनूर ऐतिहासिक पुरी मंदिर लौटाने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग उठाई है।
नए राजा चार्ल्स की पत्नी के पास जाएगा यह कोहिनूर
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ब्रिटिश इतिहास में सबसे लंबे समय तक राज करने वाली और दुनिया की सबसे उम्रदराज़ राष्ट्राध्यक्ष थीं। महारानी एलिजाबेथ-II के निधन के बाद उनके सबसे बड़े और वारिस और वेल्स के पूर्व राजकुमार प्रिंस चार्ल्स( Charles, the former Prince of Wales) यूनाइटेड किंगडम के राजा और 14 कॉमनवेल्थ क्षेत्र(Commonwealth realms) के नए किंग बन गए हैं।
ब्रिटेन की परंपरा के अनुसार, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यु के बाद105 कैरेट का हीरा उनकी पत्नी डचेस ऑफ कॉर्नवाल कैमिला(Duchess of Cornwall Camilla) के पास जाएगा। राजा जॉर्ज छठे की ताजपोशी के लिए 1937 में एक मुकुट बनाया गया था। इसमें कई कीमती पत्थर भी लगे हैं, जिसमें कोहिनूर भी शामिल है।
बता दें कि कोहिनूर दुनिया के सबसे कीमती रत्नों(world’s most precious gems) में से एक माना जाता है। कोहिनूर 14 वीं शताब्दी में दक्षिण भारत में कोल्लूर खदान में कोयला खनन के दौरान मिला था। 105.6 कैरेट का यह हीरा ब्रिटिश सम्राट के क्राउन में 1937 से लगा हुआ है। इसका वजन 21.6 ग्राम है। एक समय इसे दुनिया का सबसे बड़ा हीरा माना जाता था।
कोहिनूर की वापसी के लिए जगन्नाथ सेना ने देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा, ‘कोहिनूर हीरा श्री जगन्नाथ भगवान का है। यह अब इंग्लैंड की रानी के पास है। कृपया हमारे प्रधानमंत्री से अनुरोध है कि इसे भगवान जगन्नाथ के लिए भारत लाने के लिए कदम उठाएं, क्योंकि महाराजा रणजीत सिंह ने इसे भगवान जगन्नाथ को अपनी इच्छा से दान कर दिया था।’
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श्री जगन्नाथ सेना के संयोजक प्रिया दर्शन पटनायक के एक दावे के अनुसार, पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह ने हीरा भगवान जगन्नाथ को दान कर दिया था। हालांकि, उन्होंने कहा कि पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह की मृत्यु 1839 में हो जाने के कारण वो हीरे को हैंडओवर नहीं कर सके थे। अंग्रेजों ने कोहिनूर को महाराजा के बेटे दलीप सिंह से 1849 में छीन लिया।
पटनायक ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, “वे जानते थे कि यह पुरी में भगवान जगन्नाथ को विरासत में मिला था।” पटनायक ने कोहिनूर के संबंध में इंग्लैंड की रानी को भी एक पत्र लिखा था। बता कि उन्हें 19 अक्टूबर, 2016 को बकिंघम पैलेस से एक संदेश प्राप्त हुआ, जिसमें उन्हें सीधे यूनाइटेड किंगडम सरकार से अपील करने के लिए कहा गया, क्योंकि प्रधानमंत्री अपने मंत्रियों की सलाह पर काम करते हैं और यह एक गैर-राजनीतिक होता है। उन्होंने कहा कि उस पत्र की एक प्रति राष्ट्रपति को दिए गए ज्ञापन के साथ संलग्न है।
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