कोरोना महामारी का घाव अभी भरा नहीं था कि, इस बीच दुनिया में अब एक नई महामारी ने दस्तक दे दी है। मंकीपॉक्स अब धीरे-धीरे दुनियाभर में तेजी से पैर पसारता नजर आ रहा है। जिसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है। विश्व भर के 80देशों में मंकीपॉक्स वायरल फैल चुका है। इधर भारत में भी इसके मामले मिलने लगे हैं। अब दिल्ली में मंकीपॉक्स का पहला मरीज मिला है। जिसके बाद सरकार की टेंशन और भी ज्यादा बढ़ गई है।।प श्चिमी दिल्ली का रहने वाला 32साल का शख्स इस बीमारी से संक्रमित मिला है। उसमें 15दिन से बुखार और मनकीपॉक्स के लक्षण थे। दो दिन पहले ही उसे लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रविवार को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। संक्रमित ने कोई विदेश यात्रा नहीं की है। इससे पहले देश में मंकीपॉक्स के तीन मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संघटन (WHO) ने बताया है कि, किन लोगों को ज्यादा खरता रहता है।
The World Health Organization today called on countries in South – East Asia Region to strengthen surveillance and public health measures for monkeypox, with the disease being declared a public health emergency of international concern.
— ANI (@ANI) July 24, 2022
इन लोगों को ज्यादा खतरा
मंकीपॉक्स अब उन देशों में तेजी से फैल रहा है, जहां इसे पहले कभी नहीं देखा गया। यही नहीं, इसके मामले सबसे ज्यादा उन पुरुषों में देखे जा रहे हैं, जो पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाते हैं। इसकी जानकारी डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र रिजनल डायरेक्टर डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने दी है। उन्होंने बताया कि इसके लिए उपाय संवेदनशील या भेदभाव से रहित होने चाहिए। खेत्रपाल ने कहा, विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने आज दक्षिण-पूर्वी एशिया क्षेत्र के देशों से मंकीपॉक्स के लिए निगरानी और सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को मजबूत करने का आह्वान किया है। मंकीपॉक्स बीमारी को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी भी घोषित किया गया है।
इससे पहले WHO ने 70 से ज्यादा देशों में मंकीपॉक्स के प्रसार को एक असाधारण हालात बताया था और इस बीमारी को ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किया था। WHO ने मंकीपॉक्स की वैक्सीन तैयार करने की जरूरत पर भी बल दिया। डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस घेब्रेयसस ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की इमरजेंसी कमेटी के सदस्यों के बीच आम सहमति नहीं बन पाने के बावजूद ग्लोबल इमरजेंसी की घोषणा की। यह पहला मौका है जब डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने इस तरह की कोई कार्रवाई की है।