राष्ट्रीय

अतीक़ अहमद गिरोह पर निशाना साधने के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की नज़र मुख्तार अंसारी पर तो नहीं

आयुष गोयल

उत्तरप्रदेश के गैंगस्टर से राजनेता बने मुख़्तार अंसारी को रोपड़ जेल में दो साल के दौरान प्रदान की गयी वीआईपी सुविधाओं की पुलिस जांच के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि पूर्व मंत्रियों को इसकी भरपाई करनी होगी।

यूपी सरकार द्वारा संगठित अपराध के ख़िलाफ़ युद्ध की घोषणा के बाद एक बयान में मान ने कहा है कि उस पर कुल मिलाकर 55 लाख ख़र्च किए गए और 48 बार वारंट जारी करने के बावजूद उसे कभी भी अदालत में पेश नहीं किया गया।

अंसारी को जनवरी, 2019 में यूपी से ट्रांजिट रिमांड पर मोहाली के बिल्डर से फ़िरौती मांगने के आरोप में पंजाब लाया गया था। वह अप्रैल, 2021 तक यहां था।

मान ने कहा कि करदाताओं का पैसा बर्बाद नहीं होगा, लेकिन सरकार इसे पिछली सरकार से वसूलने के तरीक़ों पर विचार कर रही है, जिसने कथित तौर पर जनता के पैसे की इस बेशर्म लूट की अनुमति दी थी। उनका बचाव करने वाले वकीलों के भुगतान से जुड़ी फ़ाइल को सरकार ने खारिज कर दिया है। पूर्व जेल मंत्री हरजोत बैंस ने अंसारी को वीआईपी सुविधाओं की जांच के आदेश दिए थे और एडीजीपी आरएन ढोके ने अपनी रिपोर्ट में कुछ जेल अधिकारियों को दोषी ठहराया था और उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की सिफ़ारिश की थी। रिपोर्ट में हालांकि किसी राजनेता को आरोपित नहीं किया गया था।

मान ने कहा,“उन कारणों को वही लोग जानते होंगे,जिनके आधार पर इस कुख्यात अपराधी को रोपड़ जेल में पूरे आराम से रखा गया था। आराम से रहने के अलावा राज्य सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया था कि इस खूंखार अपराधी को जेल के भीतर किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े और उसके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई से वह बच सके। करदाताओं के पैसे की खुली लूट को किसी भी क़ीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। सरकार यह पैसा उन मंत्रियों से वसूलने पर भी विचार कर रही है, जिन्होंने यह भयावह फ़ैसला लिया था। इस जघन्य अपराध में शामिल सभी लोगों को उनके पाप के लिए जवाबदेह बनाया जाएगा।”

ग़ौरतलब है कि 2021 में सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे से सम्बन्धित एक फ़ाइल की मंज़ूरी का अब भी इंतजार है। पंजाब की ओर से दवे ने अंसारी को उत्तरप्रदेश स्थानांतरित किए जाने का विरोध किया था। अंसारी के प्रदेश और राष्ट्रीय कांग्रेस नेताओं से अच्छे सम्बन्ध होने का आरोप है।

पूर्व विधायक केएन राय की 2005 में हत्या कर दी गयी थी, अक्टूबर, 2020 में उनकी पत्नी यूपी बीजेपी विधायक अलका राय ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को पत्र लिखकर पंजाब कांग्रेस पर अंसारी को बचाने का आरोप लगाया था। यूपी सरकार ने भी शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की थी, जिसमें पंजाब पर केएन राय की हत्या के आरोपी अंसारी को यूपी की अदालत में पेशी से बचने के लिए बेशर्मी से मदद करने का आरोप लगाया था। अदालत के ज़रिए उसकी हिरासत हासिल करने से पहले यूपी सरकार को पंजाब को 25 रिमाइंडर भेजने पड़े थे।

इस बीच यूपी पुलिस ने अंसारी की पत्नी अफ़शां अंसारी को भी फ़रार घोषित कर दिया है और उसकी गिरफ़्तारी की सूचना देने वाले को इनाम देने की घोषणा की है।

आईएन ब्यूरो

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