आज 22 नवंबर यानी नेशनल कैडेट कोर (NCC) डे है। NCC का इतिहास राष्ट्र के प्रति अथाह प्रेम, निःस्वार्थ सामाजिक काम और शौर्य की गाथाओं से भरा पड़ा है। देश में चाहें युद्ध काल हो  या अभी covid-19 का मौजूदा दौर  NCC की भागीदारी सुनिश्चित रहती है।  इसके गठन के दौरान ही इस बात का पूरा ख्याल रखा गया कि युवाओं को भारतीय होने का कर्तव्य बोध  कराया जाए। इसके लिए NCC की तमाम गतिविधियों में भारत की सामाजिक, सांस्कृतिक विचारों को पिरोने की भरसक कोशिश होती रहती है।  इसका एक उदाहरण NCC का आधिकारिक गीत चुनने के दौरान मिलता है।
हम सब भारतीय हैं, हम सब भारतीय हैं… ये NCC का आधिकारिक गीत है। हालांकि, NCC ने ‘कदम मिला के चल’ गीत को सबसे पहले अपने यहां शामिल किया था।  इसे साल 1963 में  गाया भी गया, लेकिन बाद में रक्षा मंत्रालय ने इसको NCC  के युवा मन के लायक नहीं समझा और इसे त्याग दिया गया। इसके कुछ साल बाद ही चंडीगढ़ के यूथ फेस्टीवल में ‘हम सब हिंदी हैं ’ गीत पेश किया गया। आगे इसे साल 1968-69 में बनीं एक डाक्यूमेंटरी फिल्म में भी रखा गया। परंतु इस गीत में भी एक बदलाव हुआ। साल 1980 के रिपब्लिक डे के मौके पर इस गीत को पहली बार एक तब्दीली के साथ बजाया गया और वो बदलाव था- ‘हिंदी’ की जगह ‘भारतीय’ का। जिसे बहुत सराहना मिली और आखिर में यह पूरी गीत NCC का आधिकारिक गीत बन गया। जिसकी कुछ पंक्तियां इस प्रकार हैं-
<strong>हम सब भारतीय हैं, हम सब भारतीय हैं।</strong>
<strong>अपनी मंज़िल एक है, हा हा हा एक है, हो हो हो एक है।                             </strong>
<strong>हम सब भारतीय हैं।</strong>
<strong>कश्मीर की धरती रानी है, सरताज हिमालय है,</strong>
<strong>सदियों से हमने इस को अपने खून से पाला है। </strong>
<strong>देश की रक्षा की खातिर हम शमशीर उठा लेंगे,</strong>
<strong>हम शमशीर उठा लेंगे।</strong>
<strong>बिखरे-बिखरे तारे हैं हम, लेकिन झिलमिल एक है,</strong>
<strong>हा हा हा एक है, हो हो हो एक है,</strong>
<strong>हम सब भारतीय है।</strong>
<h2><strong> NCC की शुरुआत कैसे हुई? </strong></h2>
ब्रिटिश राज में NCC की नींव पड़ गई थी। हालांकि उस समय NCC जैसा कोई संगठन नहीं था लेकिन  तब भारतीय रक्षा अधिनियम-1917 के तहत सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए इसे अस्तित्व में लाया गया था। प्रथम विश्व युद्ध में सैन्य जरूरतों को देखते हुए यूनिवर्सिटी के बच्चों को सैन्य प्रशिक्षण देने की व्यवस्था शुरू की गई थी।  लेकिन ब्रिटिश भारतीयों को सैन्य प्रशिक्षण देने से डरते भी थे। इसलिए ब्रिटिश काल में यूनिवर्सिटी छात्रों को सैन्य प्रशिक्षण पर बहुत जोर नहीं दिया जा सका।
आजाद भारत में साल 1948 में  NCC अधिनियम पारित की गई और  इसे अमलीजामा पहनाया गया। युवाओं को सैन्य गतिविधियों में प्रशिक्षित करने के उदेश्य से पंडित हेमवती कुंजरू की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था। समिति के सिफारिश के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर स्कूलों और कॉलेजों में एक कैडेट संगठन बनाने की पहल शुरू हुई। इस तरह 15 जुलाई 1948 को नेशनल कैडेट कोर (NCC) अस्तित्व में आया था। आज देशभर में NCC में करीब 14 लाख कैडेट प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। जिनका ध्येय एकता और अनुशासन है।
<h2>साल 2020 में NCC की 72वीं वर्षगांठ</h2>
विश्व के सबसे बड़े वर्दीधारी युवा संगठन, राष्ट्रीय कैडेट कॉर्प्स (NCC) अपना 72वां स्थापना दिवस मना रही है। NCC की स्थापना दिवस के अवसर पर पूरे भारत में कैडेटों ने रक्तदान शिविर और सामाजिक विकास कार्यक्रमों में भाग लिया। रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार और एनसीसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चोपड़ा ने पूरे एनसीसी समुदाय की ओर से शहीद नायकों को पुष्पचक्र अर्पित किया।
रक्षा सचिव ने कहा, इस साल के दौरान NCC कैडेट्स ने covid-19 महामारी के दौरान निःस्वार्थ रूप से सेवा के रूप में, इस महामारी से लड़ने के उपायों के बारे जागरुकता फैलाते हुए कोरोना योद्धाओं के रूप में अपना अप्रतिम योगदान दिया।
पीएम नरेन्द्र मोदी ने देश के सीमा और तटीय क्षेत्रों में NCC कवरेज के विस्तार के लिए सीमावर्ती जिलों, तटीय तालुकों और तालुका आवास वायु सेना स्टेशनों पर ध्यान केंद्रित करते हुए सेना, नौसेना और वायु तीनों में एक लाख अतिरिक्त कैडेटों के विस्तार की योजना बनाई थी। जिसे मंजूरी मिल चुकी है।
<h2>NCC कैडेटों के कीर्तिमान</h2>
NCC कैडेटों ने कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं जिसमें 20 छात्रा कैडेटों ने माउंट कंचनजंगा की चोटी फतह की। इसके अलावा देश में 6 हजार से ज्यादा जगहों पर सात लाख 38 हजार कैडेटों ने योग किया। स्वच्छ भारत अभियान में पिछले दो सालों में 25 लाख कैडेटों ने हिस्सा लिया है। वहीं 14 लाख कैडेटों में से 32 प्रतिशत से ज्यादा संख्या छात्रा कैडेटों की है। बता दें कि 1948 में ही लड़कियों को NCC से जोड़ दिया गया था। देश के सभी जिलों में NCC है। तीनों सेनाओं में भर्ती के दौरान NCC के कैडेट्स को विशेष छूट दी जाती है।
<h2><strong>1962, 1965 और 1971 में NCC की देश सेवा</strong></h2>
1962 भारत-चीन युद्ध में NCC सेना की सहायक के रूप में काम कर रही थी। इसके बाद 1963 में NCC प्रशिक्षण अनिवार्य किया गया था। हालांकि, 1968 में फिर इसे स्वैच्छिक बनाया गया था। 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान NCC कैडेटों को सुरक्षा की दूसरी पंक्ति में लगाया गया था। वे हथियार और गोला बारूद की आपूर्ति, आयुध कारखानों की सहायता और शिविर में काम कर रहे थे। इसके अलावा गश्ती दल के रूप में भी NCC का इस्तेमाल किया गया।
<h2><strong>NCC का आधिकारिक गीत जो पूरी तरह यहां पर है-</strong></h2>
हम सब भारतीय हैं, हम सब भारतीय हैं।
अपनी मंज़िल एक है, हा हा हा एक है, हो हो हो एक है।
हम सब भारतीय हैं।
कश्मीर की धरती रानी है, सरताज हिमालय है,
सदियों से हमने इस को अपने खून से पाला है।
देश की रक्षा की खातिर हम शमशीर उठा लेंगे,
हम शमशीर उठा लेंगे।
बिखरे-बिखरे तारे हैं हम, लेकिन झिलमिल एक है,
हा हा हा एक है, हो हो हो एक है,
हम सब भारतीय है।
मंदिर, गुरूद्वारे भी हैं यहां, और मस्जिद भी है यहां,
गिरिजा का है घड़ियाल कहीं मुल्ला की कहीं है अजां
एक ही अपना राम हैं, एक ही अल्लाह ताला है,
एक ही अल्लाह ताला हैं।
रंग बिरंगे दीपक हैं हम, लेकिन जगमग एक है,
हा हा हा एक है, हो हो हो एक है।
हम सब भारतीय हैं, हम सब भारतीय हैं.
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