महाराष्ट्र की उद्धव सरकार पर खतरा! एनसीपी-कांग्रेस में खिचीं तलवारें

महाराष्ट्र की <a href="https://en.wikipedia.org/wiki/Maha_Vikas_Aghadi"><strong><span style="color: #000080;">महाअघाड़ी सरकार</span></strong></a> के सहयोगी दल एनसीपी और कांग्रेस (NCP vs Congress) में तलवारें खिची हुई हैं। महाअघाड़ी की सहयोगी कांग्रेस ने साफ-साफ शब्दों में कहा है कि अगर सरकार को बनाए रखना है तो शरद पवार जैसे नेताओं को कांग्रेस के किसी नेता के बारे में ऊल जलूल बोलने से पहले सोचना चाहिए कि महाराष्ट्र में सरकार चलानी है या नहीं।  एनसीपी और कांग्रेस (NCP vs Congress) की जुबानी जंग में सरकार की बलि न चढ़ जाए इसलिए <a href="https://hindi.indianarrative.com/india/in-maharashtra-who-thinks-ajans-voice-is-sweet-whose-hindutva-is-hollow-19928.html"><strong><span style="color: #000080;">शिवसेना</span> </strong></a>तुरंत सक्रिए हो गई है। शिवसेना ने<span style="color: #333333;"> शरद पवार</span> को कुनबे का गार्जियन बता कर एनसीपी और कांग्रेस (NCP vs Congress) मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की है लेकिन मामला अभी तक पूरी तरह शांत नहीं हुआ है।

एक मीडिया हाउस के साथ बातचीत में शरद पवार ने कहा था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अंदर राजनीतिक स्थिरता की कमी है। शरद पवार के इस बयान पर कांग्रेस की भौंहे तन गई। शरद पवार को जवाब देने के लिए कांग्रेस महाराष्ट्र की कार्यकारी अध्यक्ष यशोमति ठाकुर को उतार दिया। यशोमति ने कहा अगर आप महाराष्ट्र में स्थिर सरकार चाहते हैं तो आपको कांग्रेस के शीर्ष नेताओं पर गलतबयानी बंद करनी चाहिए। सभी को गठबंधन के नियमों का पालन करना चाहिए। महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी का निर्माण लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर ही हुआ है। यशोमति महाराष्ट्र की महा अघाड़ी सरकार में मंत्री भी हैं।

कांग्रेस पार्टी की इस प्रतिक्रिया को भले ही महा अघाड़ी सरकार में शामिल घटक दल सिर्फ एक सामान्य प्रतिक्रिया बता रहे हों, लेकिन विपक्ष का कहना है कि महा अघाड़ी की सरकार में सब ठीक नहीं है। पवार के बयान और कांग्रेस की नाराजगी को आधार बनाकर बीजेपी समेत तमाम राजनीतिक पार्टियां ये कह रही हैं कि महाराष्ट्र के महागठबंधन में सब ठीक नहीं है।

सरकार को बचाने के लिए तत्काल शिवसेना कमान संभाली और कहा कि राहुल गांधी पर की गई टिप्पणी कांग्रेस नेता की आलोचना नहीं बल्कि बड़े होने के नाते शरद पवार का दिशा निर्देश है। पार्टी के सांसद संजय राउत ने कहा कि शरद पवार बहुत बड़े नेता हैं। अगर उनके जैसा अनुभवी नेता किसी भी राजनेता के बारे में कोई टिप्पणी करता है को उसे उनके मार्गदर्शन सा समझा जाना चाहिए।.

सतीश के. सिंह

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