Nitish Kumar and BJP: धोखे का नाम नीतीश कुमार। ऐसा इसलिए क्योंकि, जिस नीतीश कुमार (Nitish Kumar and BJP) को कोई नहीं जानता था उसे NDA ने पहचान दिलाई और अंतक में उन्होंने पीठ में छूरा घोंप दिया। बात साल 2005 की है जब बिहार के विधानसभा चुनाव से पहले जेडीयू एनडीए में शामिल हो चुकी थी। 2005 का विधानसभा चुनाव बीजेपी और जेडीयू ने पहली बार साथ में लड़ा और आरजेडी के नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार को पटखनी दे दी। लेकिन इस वर्ष विधानसभा का चुनाव दो बार हुआ। पहले चुनाव में किसी के पास 122 का स्पष्ट बहुमत न होने कारण राष्ट्रपति शासन लगा और फिर अक्टूबर-नवंबर में दोबारा चुनाव हुए तो बीजेपी-जेडीयू (Nitish Kumar and BJP) ने सरकार बना ली। इस तरह बीजेपी के चलते नीतीश कुमार (Nitish Kumar and BJP) को पहली बार मुख्यमंत्री की कुर्सी नसीब हुई। अगस्त 2022 में नीतीश कुमार ने बीजेपी को धोखा देते हुए आरजेडी के साथ हाथ मिला लिया। नीतीश कुमार के नाटकीय कार्यक्रम से जनता ने उन्हें अहसास दिला दिया है कि उसका मुड क्या है। क्योंकि, मोकामा में भले ही आरजेडी ने परचम लगराया हो लेकिन, बीजेपी ने चोट दे दिया है।
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भले ही आरजेडी प्रत्याशी बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी ने बीजेपी की सोनम देवी को 16 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है। लेकिन, हार-जीत के बीच के नंबर ने जनता का मत बता दिया है। नीलम देवी 16741 वोट से चुनाव जीती हैं। नीलम देवी को 79178 वोट मिले और बीजेपी की सोनम देवी को 62758 वोट मिले। ये नंबर आने वाले दिनों में मोकामा से अनतं सिंह का बहुबलियत खत्म करने वाली है। उधर गोपालगंज में बीजेपी ने जीत हासिल की है। इसपर दीपांकर भट्टाचार्य का कहना है कि, गोपालगंज उपचुनाव के नतीजे महागठबंधन सरकार के प्रति लोगों के मोहभंग का प्रतिबिंब है।
एनडीटीवी में छपी खबर के मुताबिक, भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बुधवार को कहा कि गोपालगंज विधानसभा सीट का हालिया उपचुनाव राज्य में महागठबंधन सरकार के प्रति लोगों के बढ़ते मोहभंग को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि नई सरकार को लोगों से किए अपने वादों को पूरा करना चाहिए। दीपांकर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, राज्य में युवाओं में आक्रोश बढ़ रहा है क्योंकि महागठबंधन सरकार उन्हें रोजगार मुहैया कराने की दिशा में ठोस कदम उठाने में विफल रही है। सरकार को लोगों, खासकर युवाओं से किए गए अपने वादों को पूरा करना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि गोपालगंज उपचुनाव के नतीजे महागठबंधन सरकार के प्रति लोगों के बढ़ते मोहभंग को दर्शाते हैं। राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन सरकार के घटक भाकपा (माले) के बिहार विधानसभा में 12 विधायक हैं। दीपांकर ने आरोप लगाया कि राज्य में गरीबों के खिलाफ पुलिस अत्याचार जारी है और राज्य सरकार को गरीबों के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए।
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