इस वक्त शिवलिंग का मामला गरमाया हुआ है। वाराणासी के ज्ञानवापी में जब सर्वे हुआ तो यहां से ऐसा चौकाने वाले तथ्य सामने आए जिसके बारे में कई लोगों को तो पहले से ही पता था लेकिन, कई लोगों को जानकर यह किसी अचरज से कम नहीं लगा। दरअसल, मस्जिद के अंदर बने तहखाने में पहले नंदी मिले और फिर भगवान शिवशंकर का शिवलिंग मिला। सबसे बड़ी बात यह कि शिवलिंग के ऊपर ही वजूखाना था। यहां अब भी कई राज दबे हुए हैं। कहा जा रहा है कि, एक और बंद तहखाने में कई राज दबे हुए हैं। अब यह मामला देशभर में तूल पकड़ने लगा है। फिलहाल विश्व हिंदू परिषद ने कर्नाटक के मांड्या जिले के श्रीरंगपट्टनम तालुके में बनी 18वीं सदी की जामिया मस्जिद के वास्तव में मंदिर होने का दावा करते हुए ज्ञानवापी की तरह सर्वे की मांग की है।
हिंदू संगठन के वहां मस्जिद के बाहर पूजा और हनुमान चालीसा का पाठ करने के आह्वान के बाद प्रशासन ने पूरे क्षेत्र में सुरक्षा कड़ी कर दी और धारा 144 लागू कर दी। विहिप का दावा है कि श्रीरंगपट्टनम टीपू सुल्तान की राजधानी हुआ करती थी और वहां भगवान हनुमान का आंजनेय मंदिर था। 18वीं सदी में टीपू सुल्तान ने उसे तुड़वाकर वहां जामिया मस्जिद बनवाई। विहिप ने वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर की तर्ज पर इसके सर्वे की मांग उठाई है। साथ ही विहिप ने कहा, मस्जिद के एक किलोमीटर के दायरे में विहिप कार्यकर्ता जुटेंगे और हनुमान चालीसा का पाठ व पूजा करेंगे।
इसके बाद ही प्रशासन अलर्ट हो गई और पूरे इलाके में किसी तरह के प्रदर्शन के साथ ही जुलूस पर भी रोक लगा दी है। साथ ही जिला पुलिस, कर्नाटक रिजर्व पुलिस बल को बई मोर्चे पर तैनात कर दिया गया है। इसके अलावा मस्जिद के पास सड़कों पर बैरिकेड लगाकर लोगों की आवाजाही रोकी जा रही है। शहर के बाहरी इलाकों में सुरक्षा चौकियां तैनात की गई हैं।
वहीं, विहिप ने दावा किया है कि, जामिया मस्जिद के अंदर एक गणपति मंदिर, सरोवर और कुआं है। इसके बाद भी मस्जिद में मदरसा चल रहा है और नमाज अदा की जा रही है जो गलत है। इसे लेकर हिंदू संगठन ने सरकार से रोक की मांग की है।