राष्ट्रीय

आखिर पतियों ने क्यों किया जिंदा पत्नियों का पिंडदान,वजह है बेहद खास

हिन्दू धर्म में श्राद्ध सबसे बड़ा कर्म माना जाता है।  पितृ पक्ष करीब 15 दिनों के लिए हर साल आता है। इस दौरान पितर धरती पर आते हैं और अपने संतान एवं वंशज को आशीर्वाद देकर जाते हैं। हर साल कई लोग पितृ पक्ष पर पितरों का पिंडदान (Pinda) करते हैं। इस बार पितृ पक्ष 10 सितंबर से शुरू हुआ है जिसका समापन 25 सितंबर को होगा। इन दिनों वंशज एवं संतान का कर्तव्य होता है की वो अपने पितृ का श्राद्ध करें। ब्राह्मण भोजन करबायें। सभी नियम निष्ठा से तर्पण करें।

पितृ पक्ष के दौरान नहीं करें कोई भूल

बहुत बार अनजाने में पितृ पक्ष के दौरान व्यक्ति से कई ऐसी गलतियां कर देता है जो कभी भूल से भी नहीं करनी चाहिए। इतना ही नहीं जब पितृ दोष कुंडली में लग जाए तो ये पूरी जिंदगी को खराब कर देता है। इसके साथ-साथ हम देखते हैं कि पितृ पक्ष के दौरान कौवा को विशेष महत्व भी बताया गया है। मान्यताओं के मुतबिक कौवे को यमराज का रूप भी माना गया है। कहा जाता है अगर कौवे को निवाला खिलाया जाए तो इससे पितर संतुष्ट होते हैं।

मुंबई से आई है हैरान कर देने वाली खबर

हाल ही में मुंबई से बेहद ही अजीबो गरीब खराब सामने आ रही है। दरअसल, इन दिनों पितृ पक्ष चल रहे हैं ऐसे में करीब 50 पीड़ित पतियों ने अपनी जीवित पत्नी का पिंडदान किया है। ये सभी लोग खुद को पीड़ित पति बता रहे है। कुछ लोगों का तलाक हो चुका था। वहीं कुछ लोगों का मामला कोर्ट में चल रहा है। ये मामला महाराष्ट्र के बानगंगा टैंक का है। यह पर नदी किनारे पति ने पत्नियों का पिंडदान किया है।

ये भी पढ़े: Pitru Paksha:श्राद्ध में किन रूपों में घर आते हैं पितर? कभी न लौटाएं खाली हाथ

बुरी यादों से छुटकारा पाने के लिए किया पिंडदान

वहीं पिंडदान करने वाले पतियों का मानना है की महिलाएं अपनी आजादी का फायदा उठाकर उनका शोषण करती हैं, लेकिन उनके आगे पुरुषों की सुनवाई नही होती है। अपनी पत्नियों के साथ उनका रिश्ता एक तरह से मर गया है, इसलिए पितृपक्ष के मौके पर ये पिंडदान किया गया है, ताकि बुरी यादों से उन्हें छुटकारा मिल सके। हर साल वास्तव फाउंडेशन इस तरह का आयोजन अलग अलग शहरों में करवाता है। ताकि ऐसे पीड़ित पति जो अपनी पत्नियों के उत्पीड़न को भुला नही पा रहे हैं और अपने बुरे रिश्ते को ढोने को मजबूर हैं उससे इन्हें निजात दिलाई जाए।

सभी थे पत्नियों परेशान

दरअसल ये कार्यक्रम पत्नी पीड़ित पतियों की संस्था वास्तव फाउंडेशन की तरफ से मुंबई में आयोजित किया गया था। वास्तव फाउंडेशन के अध्यक्ष अमित देशपांडे का कहना है कि ये पिंडदान इसलिए किया गया है, क्योंकि ये सभी लोग अपनी पत्नियों के उत्पीड़न से परेशान थे। इनमें से ज्यादातर ऐसे लोग हैं, जिनका या तो तलाक हो चुका है या फिर वो अपनी पत्नी को छोड़ चुके है। मगर उनकी बुरी यादें अभी भी उन्हें परेशान कर रही है। इन्ही बुरी यादों से मुक्ति के लिए ये आयोजन किया गया है।

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

1 year ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

1 year ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

1 year ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

1 year ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

1 year ago