PM Modi on Triple Talaq: भारत अपनी स्वतंत्रता के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। भारत ही एक ऐसा देश है जहां हर धर्म को मानने वाले एक साथ रहते हैं।अगर बात अल्पसंख्यक मुस्लिम महिलाओं की करी जाए तो वर्ष 2014 के बाद से मुस्लिम महिलाओं की दुर्दशा में काफी सुधार आया है। मुस्लिम महिलाओं की आवाज को ताकत मिल रही है और समुदाय के भीतर भी समर्थन मिल रहा है। तीन तलाक के खिलाफ आंदोलन को व्यापक जनता से भारी समर्थन मिला। टीवी चैनलों पर रात की बहस में महिलाओं को बहादुरी से उलेमाओं का सामना करते देखा गया, जो सभी पितृसत्तात्मक स्थिति को बनाए रखने के लिए बहस कर रहे थे। मुस्लिम पर्सनल लॉ में सुधार के किसी भी प्रयास को हमेशा रोका है। महिलाओं ने खुले तौर पर धर्म की अपनी समझ पर सवाल उठाया, और कुरान और उसमें निहित लैंगिक न्याय सिद्धांतों के बारे में स्पष्ट रूप से बात की।
भारत के प्रधानमंत्री द्वारा ट्रिपल तालक का कानून लाया गया।जिसे मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2019 के रूप में भी जाना जाता है। भारतीय संसद द्वारा 30 जुलाई, 2019 को एक कानून के रूप में पारित किया गया था,ताकि ट्रिपल तालक को एक आपराधिक अपराध बनाया जा सके। प्रधानमंत्री द्वारा लाया गया यह कानून मुस्लिम महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस कानून के एक साल बाद तीन तलाक के मामलों में करीब 82 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। भारत में मुस्लिम महिलाओं को सम्मान दिया गया है। इस देश में मुस्लिम महिलाओं को बराबरी का हक मिला है। यहां की मुस्लिम महिलाएं हर मैदान में झंडे गाढ़ रहीं हैं। हाल ही में अहमदाबाद के जुहापुरा की मदीहा हबीबुल्लाह खान पठान ने अपने पहले प्रयास में गुजरात लोक सेवा आयोग में 10वीं रैंक हासिल की है।मदीहा पठान एक मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखती हैं।
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2015 में हरियाणा में पीएम मोदी द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना शुरू की गई, बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना बालिकाओं के अस्तित्व, सुरक्षा और शिक्षा को सुनिश्चित करती है। इस योजना का उद्देश्य पिछले कुछ वर्षों में गिरते लिंगानुपात के मुद्दों का समाधान करना,सामाजिक जागरूकता पैदा करना, और लड़कियों के लिए विकसित कल्याणकारी सेवाओं की दक्षता में वृद्धि करना है। भारत सरकार ने मुस्लिम महिलाओं की सशक्तिकरण के लिए कदम उठाए हैं। मुस्लिम महिलाओं को भारत में सब से ज़्यादा हक मिले हैं। मुस्लिम देश होने के बावजूद अफगानिस्तान में महिलाओं की दुर्दशा बेहद खराब है।अफगानिस्तान एक मुस्लिम देश के रूप में जाना जाता है। लेकिन क्या यहां इस्लाम पर सही में चला जाता है? अफगानिस्तान मुस्लिम देशों में से एक है, लेकिन यहां सबसे ज्यादा हिंसा और महिलाओं का शोषण होता है। सारी पाबंदियां सिर्फ महिलाओं पर हैं। इस्लाम एक पवित्र धर्म है। इस में महिलाओं के खिलाफ हिंसा कहीं नहीं सिखाई जाती। लेकिन यहां एक अलग तरह का धर्म चल रहा है। यहां उनके अपने कानून हैं, उनकी अपनी मर्जी है। यहां इस्लाम की पवित्रता को कुचला जा रहा है। यहां के शासकों ने धर्म को अपनी संपत्ति बना रखा है।
मुस्लिम बहनों को तीन तलाक से मुक्त कराया
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश की एक रैली में कहा हमने मुस्लिम बहनों को तीन तलाक से मुक्त कराया। जब मुस्लिम बहनों ने खुलकर भाजपा का समर्थन करना शुरू किया, तो ये वोट मांगने वाले बेचैन हो गए। वे मुस्लिम बेटियों को आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने और कहा “हमारी सरकार मुस्लिम महिलाओं के साथ खड़ी है।आलोचना के बावजूद मैं तीन तलाक की प्रथा को खत्म करने के लिए आगे बढ़ा, मुझे वोट की परवाह नहीं थी, मुझे महिलाओं की दुर्दशा की परवाह थी। भारत के प्रधानमंत्री द्वारा कही गई यह बातें मुस्लिम महिलाओं को भारत में सम्मान से रहने का अधिकार देती हैं।भारतीय मुस्लिम महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहीं हैं।मुस्लिम महिलाओं को सब से ज़्यादा अधिकार भारत में मिले हैं।
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