ऐसी खबरें आ रही हैं कि <a href="https://hindi.indianarrative.com/india/modi-government-litmus-test-what-will-happen-if-kisan-andolan-2020-not-gets-end-20399.html"><span style="color: #000080;"><strong>किसान आंदोलन</strong></span></a> को लेकर कुछ बड़ा होने वाला है।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के आवास पर गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की बैठक चल रही है। प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) को खुफिया एजेंसियों ने आगाह किया था कि किसान आंदोलन को अवांछनीय तत्व हाईजैक करने की कोशिश कर रहे हैं। जैसे-जैसे सरकार किसानों की समस्याओं को हल करने की कोशिश करने की दिशा में बढ़ रही है वैसे-वैसे किसानों की मांगें बढ़ती जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) को बताया गया है कि दिल्ली पहुंचे किसानों ने पहले राजधानी के भीतर घुस कर प्रदर्शन की मांग की। जब उन्हें प्रदर्शन के लिए बुराड़ी मैदान में प्रदर्शन की सुविधा दी गई तो उन्होंने कहा कि वो बुराड़ी मैदान नहीं जाएंगे बॉर्डर पर धरना देंगे। किसानों ने एमएसपी और मंडी समिति की मांगें रखीं थीं। धीरे-धीरे मांगों में इजाफा होता गया और अब कुछ किसान नेता कृषि सुधार कानूनों को रद्द करने की मांग उठाने लगे हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री आवास पर चल रही बैठक के बाद नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल और सोमपाल के साथ रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी किसानों की बैठक में शामिल हो सकते हैं।<a href="https://en.wikipedia.org/wiki/Narendra_Modi"><strong><span style="color: #000080;"> प्रधानमंत्री</span></strong></a> आवास पर चल रही बैठक में एक सबसे खास मुद्दा किसान आंदोलन को हाईजैक करने का भी है। ऐसा बताया जा रहा है कि किसान आंदोलन की आड़ में आईएसआई विदेशों में बैठे भारत विरोधी तत्वों को सक्रिए कर चुकी है। विदेशों से किसान आंदोलन को समर्थन के नाम पर देश विरोधी गतिविधियां भी शुरू हो चुकी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बारे में खुफिया प्रमुखों  से ब्रीफिंग ली थी।
किसान आंदोलन को खत्म कराने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने उन संगठनों के पदाधिकारियों की बातें भी मालूम की हैं जो कानून में संशोधन के आश्वासन के साथ आंदोलन खत्म करने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री को उन नेता और संगठनों के बारे में भी जानकारी दी गयी है जो कृषि संशोधन कानूनों को काला कानून बताकर किसानों में भ्रम फैला रहे हैं। ऐसा बताया जाता है कि ऐसे सभी नेता और उनके संगठनों के बारे में खुफिया विभाग ने सारा सिजरा निकाल कर प्रधानमंत्री तक पहुंचा दिया है। अब एक्शन की बारी है।.
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