Naravane to visit GULF : भारत के 'ब्रह्मास्त्र' से पाकिस्तान को हार्ट अटैक!

Naravane to visit GULF : गल्फ रीजन के दो महत्वपूर्ण देश सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ भारत रक्षा और सुरक्षा संबंधों को मजबूत करेगा। इस उद्देश्य के साथ भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे (General MM Naravane) सऊदी अरब और यूएई का दौरा करेंगे। भारतीय जनरल चार दिनों की यात्रा पर रविवार को रवाना हो सकते हैं। इस दौरे का फोकस प्वाइंट भारत का 'ब्रह्मास्त्र' <a href="https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%B8_%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A5%87%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0"><strong>ब्रह्मोस मिसाइल</strong></a> (Brahmos Missile) है। रिपोर्ट्स के अनुसार, सऊदी अरब और यूएई दोनों ने भारत के इस शक्तिशाली सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल में इंटरेस्ट दिखाया है। सेना प्रमुख का ये दौरा पाकिस्तान के लिए तगड़ा झटका है। इस्लाम के नाम पर इस्लामिक देशों को डराने वाले पाकिस्तान की आंखों के सामने सऊदी अरब और यूएई, भारत के साथ रक्षा डील करेंगे!

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किसी भी भारतीय सेना प्रमुख का ये पहला सऊदी अरब दौरा है। नरवणे सऊदी नेशनल डिफेंस कॉलेज में संबोधन देंगे। साथ ही उच्च सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की यूएई यात्रा के बाद अब सेना प्रमुख के यहां जाने से मिलिट्री संबंध और प्रगाढ़ होंगे। सूत्रों के मुताबिक, खाड़ी देश कतर, सऊदी अरब और यूएई ने ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने की इच्छा जताई है। हालांकि वार्ता अभी प्रारंभिक चरण में है। वैश्विक महामारी कोरोना के चलते इस डील में देरी हुई। जनरल के जाने से इस डील को गति मिलेगी।

<strong>ब्रह्मोस मिसाइलः जल-थल-नभ की रक्षक</strong>

ब्रह्मोस मिसाइल एक कम दूरी की रैमजेट, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। इसे पनडुब्बी से, पानी के जहाज से, विमान से या फिर जमीन से छोड़ा जा सकता है। यह भारत और रूस का संयुक्त उपक्रम है। इसकी तकनीक रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल पर आधारित है। ये प्रक्षेपास्त्र काफी आधुनिक प्रणाली से बना है। समुद्री तथा थल संस्करणों का पहले ही सफलता पूर्वक परीक्षण किया जा चुका है। ये मिसाइल भारतीय सेना और नौसेना के बेड़े में शामिल हो चुकी है।

 

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पंकज श्रीवास्तव

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