राष्ट्रीय सवयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को उनके हाल ही में दिए गए हिंदू और हिंदुत्ववादियों के बयान पर कहा है कि, उनका इस विषय पर ज्ञान और अवधारणा 'बहुत कमजोर' है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, हिंदुत्व के बिना, एक हिंदू का अस्तित्व नहीं हो सकता। हिंदू और हिंदुत्व के शब्दों के बीच अंतर करके, उन्होंने शरीर से उसकी आत्मा को अलग कर दिया।
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राहुल गांधी ने रविवार को राजस्थान में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि, भारत हिंदुओं का देश है, न कि 'हिंदुत्ववादियों' का और उन्होंने हिंदुत्ववादियों को हटाने का आह्वान किया था। उनके इसी बयान के बाद से न सिर्फ सियासी घमासान बल्कि देश की जनता भी काफी गुस्से में है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने आरएसएस समर्थित भारतीय ईसाई मंच द्वारा नगालैंड हाउस में क्रिसमस मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में पत्रकारों से बात करते हुए राहुल गांधी को हिंदुत्व का मतलब समझाया है। उन्होंने कहा कि, हिंदुत्व के बिना, एक हिंदू का अस्तित्व नहीं हो सकता। हिंदू और हिंदुत्व के शब्दों के बीच अंतर करके, उन्होंने शरीर से उसकी आत्मा को अलग कर दिया। उनके पास बहुत कम ज्ञान और समझ है। कुमार ने कहा, मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि वह (राहुल) अच्छे हो जाएं।
एक कार्यक्रम के दौरान कुमार ने, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की यात्रा को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव की टिप्पणियों के लिए उनकी आलोचना की और कहा कि उन्हें अपने बयानों से देश को 'असभ्य' नहीं बनाना चाहिए। इसके आगे मोदी के खिलाफ समाजवादी पार्टी प्रमुख की टिप्पणियों को लेकर निशाना साधते हुए कुमार ने कहा कि नेताओं को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए और अपने बयानों और आचरण के साथ एक सभ्य समाज बनाने का प्रयास करना चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि, अखिलेश यादव सनातन का अपमान करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। वह पिता का अपमान करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। उन्हें भारत को असभ्य देश नहीं बनाना चाहिए।
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इसके आगे उन्होंने कहा कि, सभी राजनेताओं को एक सभ्य समाज के विकास के लिए प्रयास करना चाहिए। जहां सभी के लिए सम्मान हो और एक-दूसरे का सम्मान करें। बता दें कि, काशी विश्वनाथ धाम के पहले चरण के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री की हाल की वाराणसी यात्रा के बीच, अखिलेश यादव ने सोमवार को टिप्पणी की थी कि लोग बनारस में तब रहते हैं 'जब अंत निकट होता है'।