हौसलें जब बुलंद हो तो बड़े से बड़ा पहाड़ भी जीतन राम मांझी तोड़ कर सड़क बना दे। सपने सबके होते हैं लेकिन इसके लिए जज्बे की जरूरत होती है। जज्ब जब बुलंद हो तो कितनों बड़ा भी सपना हो वो एक दिन मिल ही जाता है। आज समाज में कई लोग ऐसे हैं जिन्हें देखकर बहुत कुछ सीख मिलती है। कुछ ऐसी ही कहानी है कश्मीर के एक बच्चे के बारे में। जिसके पास सिर्फ एक ही पैर है और ये अपने इस एक पैर से ही 2 किमी पैदल चल कर स्कूल जाता है। इस 9वीं कक्षा के बच्चे की एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है जिसके बाद लोग जमकर इसे सलाम कर रहे हैं। इसके साथ सरकार से इस बच्चें ने एक अपील भी की है।
दरअसल, ये कहानी है जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में परवेज नाम के विकलांग लड़के की जो अपने एक ही पैर पर चलकर स्कूल जाता है। बहुत ही कम उम्र में भीषण आग हादसे में अपना बायां पैर खोने के बावजूद उसने अपने सपनों को पीछे नहीं छोड़ा है। परवेज वर्तमान में नौगाम के सरकारी हाई स्कूल में कक्षा 9 में पढ़ रहा है। 14 साल के बच्चे ने कहा, मैं एक पैर पर संतुलन बनाते हुए रोजाना करीब दो किलोमीटर की दूरी तय करता हूं। सड़कें अच्छी नहीं हैं। अगर मुझे कृत्रिम अंग मिल जाए तो मैं चल सकता हूं। मेरे पास जीवन में कुछ हासिल करने का सपना है। समाज कल्याण विभाग ने व्हीलचेयर दी थी, लेकिन गांव की सड़कों की हालत खराब होने के कारण इसे कभी इस्तेमाल नहीं किया गया।
#WATCH| Specially-abled boy walks to school on one leg to pursue his dreams in J&K's Handwara. He has to cover a distance of 2km while balancing on a one leg
Roads are not good. If I get an artificial limb,I can walk. I have a dream to achieve something in my life, Parvaiz said pic.twitter.com/yan7KC0Yd3
— ANI (@ANI) June 3, 2022
इसके आगे इस बच्चे ने बताया कि, उसे स्कूल पहुंचने के लिए हर रोज 2 किमी चलकर जाना पड़ता है। परवेज ने कहा कि, मैं अपने स्कूल तक पहुंचने के लिए प्रतिदिन 2 किलोमीटर पैदल चलता हूं। मेरे स्कूल पहुंचने का रास्ता क्षतिग्रस्त है। स्कूल पहुंचने के बाद मुझे बहुत पसीना आता है क्योंकि मेरे लिए चलना मुश्किल है। मैं स्कूल पहुंचने के बाद प्रार्थना करता हूं। मुझे क्रिकेट, वॉलीबॉल, कबड्डी और क्रिकेट पसंद है। मुझे उम्मीद है कि सरकार मेरे भविष्य को आकार देने में मेरी मदद करेगी। मेरे अंदर अपने सपनों को हासिल करने की आग है। इसके आगे बच्चे ने कहा कि, मुझे यह देखकर दुख होता है कि मेरे दोस्त ठीक से चल सकते हैं लेकिन मैं नहीं। हालांकि, मुझे शक्ति प्रदान करने के लिए मैं अल्लाह को धन्यवाद देता हैं। मैं सरकार से मुझे कृत्रिम अंग देने का आग्रह करता हूं। अंग या परिवहन का कोई अन्य साधन हो जो स्कूल और अन्य स्थानों पर मेरी यात्रा को आसान बना दे। परवेज ने बताया कि, एक अस्पताल के डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया था जिसके बाद उनके पिता को बड़ी राशि की भुगतान करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि, मेरे पिता तो मेरे इलाज के लिए अपनी संपत्ति बेचनी पड़ी।