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कांग्रेस नेता अधीरंजन चौधरी का केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर सदन में लगाया गया आरोप निराधार और झूठा साबित हुआ है। अमित शाह ने मंगलवार को लोक सभा में सबूत पेश कर अधीरंजन के बड़बोलेपन पर लगाम लगा दी। इसके बाद, अधीरंजन के उन गलत बातों को सदन की कार्यवाही से निकाल दिया गया।</p>
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अधीरंजन चौधरी ने सोमवार को संसद में कहा कि पश्चिम बंगाल में अमित शाह गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर की कुर्सी पर बैठ गये। इस बात पर अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में साफ किया कि बंगाल यात्रा के दौरान वह रवींद्र नाथ टैगोर की कुर्सी पर नहीं बैठे थे। उन्होंने कहा, सोमवार को चौधरी द्वारा की गई टिप्पणी सत्य नहीं है जिसे रिकॉर्ड से निकाल देना चाहिए। शाह ने कहा कि कल (सोमवार) कांग्रेस के नेता (अधीर रंजन चौधरी) ने कहा था कि मैं पश्चिम बंगाल में गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर की कुर्सी पर बैठ गया। गृह मंत्री ने कहा कि कोई बात कहने से पहले तथ्यों को जांचना चाहिए।&nbsp;</p>
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उन्होंने कहा, मैं उस वक्त टोकना नहीं चाहता था, लेकिन जो सत्य नहीं है सदन के रिकॉर्ड में नहीं रहना चाहिए।शाह ने कहा कि उनके पास विश्व भारती के उप कुलपति का पत्र है जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि ऐसी घटना नहीं हुई। उन्होंने कहा कि वहां एक खिड़की है जहां पर सभी के बैठने की व्यवस्था है, वहां की तस्वीर है।&nbsp;</p>
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अमित शाह ने तस्वीरें दिखाकर खोल दी कांग्रेस की पोल</h3>
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उन्होंने कहा, लेकिन मैं इसमें इनका दोष नहीं देखता, उनकी पार्टी की जैसी पृष्ठभूमि है, उसके कारण इनसे गलती हो गई।&nbsp;उन्होंने कहा कि मैं तो उस कुर्सी पर नहीं बैठा लेकिन मेरे पास दो फोटो हैं, जिनमें से एक में जवाहर लाल नेहरू उस कुर्सी पर बैठे हैं, जहां टैगोर बैठा करते थे। दूसरी फोटो राजीव गांधी की है… जिसमें वह टैगोर साहब के सोफे पर बैठे हैं। शाह ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के संबंध में चौधरी की एक टिप्पणी का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि जो सदन में नहीं है उसका उल्लेख नहीं होना चाहिए।</p>
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गौरतलब है कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा था कि हमारा यह कहना है कि भाजपा नेता अमित शाह जी, भाजपा अध्यक्ष नड्डा जी बंगाल जा रहे हैं क्योंकि वहां चुनाव आ रहे हैं। चौधरी ने यह भी कहा था कि अमित शाह जी जाकर रवींद्र नाथ टैगोर जी की कुर्सी पर बैठ जाते हैं। इससे असम्मान होता है। उन्होंने दावा किया था, &lsquo;&lsquo;ये रवींद्र नाथ टैगोर जी के शांति निकेतन जा रहे हैं और कह रहे हैं कि उनका (टैगोर) जन्म यहां हुआ। अजीब बात है….पहले पढ़कर आइए कि उनका जन्म यहां नहीं हुआ और आप कह रहे हैं कि उनका जन्म यहां हुआ। हमें बुरा लगता है क्योंकि इतनी बड़ी पार्टी के सभापति हैं।&rsquo;&rsquo;</p>
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विश्वभारती विश्वविद्यालय ने रखा अपना पक्ष</h3>
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वहीं अब इस मामले पर विश्वभारती विश्वविद्यालय ने अपना पक्ष रखा है। विश्वविद्यालय ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन के द्वारा गृहमंत्री को लेकर की गई टिप्पणी को गलत बताया है।विश्वविद्यालय ने कहा कि अधीर रंजन जी आपने जो गृहमंत्री के बारे में जो लोकसभा में सूचना दी है वह गलत है। अमित शाह बंगाल यात्रा के दौरान कभी भी रवींद्र नाथ टैगोर की कुर्सी पर नहीं बैठे थे। &nbsp;</p>
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