पश्चिम बंगाल के बीरभूमि ज़िले का एक विरान इलाक़ा बोलपुर।यहीं गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने शांतिनिकेतन की स्थापना की थी। क़रीब एक सदी पहले उन्हें नोबल पुरस्कार मिला था और शिक्षा को लेकर उनकी गहरी संवेदना इस संस्थान में अभिव्यक्त हुई थी। आज यह भारत का सांस्कृतिक धरोरह है।ज़ाहिर है कि शांतिनिकेतन का फलक इतना व्यापक है कि इसे यूनेस्को की विश्व विरासत की सूची में शामिल होना ही चाहिए। भारत का यह प्रयास लंबे समय से रहा है। एक बार फिर शांतिनिकेतन को एक अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार संस्था ने इसे यूनेस्को की विश्व विरासत की सूची में शामिल करने की सिफ़ारिश की है। यह जानकारी भारत सरकार के संस्कृति मंत्री जी किरण रेड्डी ने दी ।
केन्द्रीय मंत्री ने ट्वीट कर दी इसकी जानकारी
केन्द्रीय संस्कृति मंत्री जी किरण रेड्डी ने मंगलवार को एक ट्वीट कर यह जानकारी देते हुए लिखा कि ‘गुरुदेव रवीन्द्रनाथ की जयंती पर भारत के लिए एक अच्छी ख़बर है। पश्चिम बंगाल स्थित शांतिनिकेतन को यूनेस्को विश्व धरोहर केन्द्र की सलाहकार संस्था आईसीओएमओएस द्वारा विश्व धरोहर की सूची में शामिल करने की सिफ़ारिश की गयी है।’
Great news for India 🇮🇳 on the Jayanti of Gurudev Rabindranath Tagore
Santiniketan, West Bengal has been recommended for inscription to the World Heritage List by ICOMOS, the advisory body to UNESCO World Heritage Centre.
1/2 pic.twitter.com/QzEFd4lpAL— G Kishan Reddy (@kishanreddybjp) May 9, 2023
सितंबर 2023 में हो सकती है इसकी औपचारिक घोषणा
केन्द्रीय संस्कृति मंत्री ने आगे ट्वीट के ज़रिए कहा, ‘यह दुनिया को हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत दिखाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को दर्शाता है। सितंबर 2023 में सऊदी अरब के रियाद में होने वाली विश्व विरासत की बैठक में इसकी औपचारिक घोषणा की जायेगी।‘
विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति ने इसे बहुत अच्छी ख़बर बतायी
9 मई 2023 को गुरुदेव की 162वीं जयंती मनायी गयी।यह दिन दुनिया भर में रह रहे बंगालियों औऱ भारतीयों के लिए बेहद ख़ास महत्व रखता है। विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती ने कहा ‘यह बहुत अच्छी ख़बर है,ख़ासकर विश्व भारती के सभी पक्षकारों और चाहने वालों के लिए गर्व का विषय है।‘
विश्व भारती विश्वविद्यालय के लिए गर्व का क्षण
विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस सिफ़ारिश को ‘गर्व का क्षण’ बताते हुए इसका स्वागत किया है। विश्व भारती विश्वविद्यालय की प्रवक्ता महुआ बंदोपाध्याय ने कहा ‘हमारी सूचना के मुताबिक़, विश्व भारती भारत का पहला संचालित विश्वविद्यालय है, जिसे यह गौरव प्रदान किया जायेगा।‘
हिन्दुस्तान के साथ-साथ बंगाल के लिए गर्व की बात
विश्व भारती विश्वविद्यालय की प्रवक्ता महुआ बंदोपाध्याय ने आगे कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया की यूनेस्को की एक सलाहकार संस्था आईसीओएमओएस ने विश्व भारती को विश्वविरासत स्थल की सूची में शामिल करने की सिफ़ारिश की है। उन्होंने कहा कि गुरुदेव की जयंती पर यह ख़बर बेहद सुखदायी तो है ही, साथ ही बंगाल औऱ भारत के लिए गौरव की बात भी है।
क्या है आईसीओएमओएस ?
आईसीओएमओएस यानी इंटरनेशनल काउंसिल ऑन मॉन्यूमेंट्स एंड साइट्स फ़्रांस स्थित एक अंतर्राष्ट्रीय ग़ैर सरकारी संगठन है। इस संगठन में स्थानीय अधिकारियों,कंपनियों,पेशेवर, विशेषज्ञों, और विरासत संगठनों के सदस्य शामिल होते हैं। यह वास्तुकला और विरासत के संरक्षण तथा वौद्धिकता संरक्षण के लिए काम करती है।