इसे कहते हैं आपकी परवाह करना। जी हां, हावड़ा-रांची शताब्दी एक्सप्रेस में एक रोजेदार ने रोजाखोलने के लिए चाय मांगी क्यों कि उस वक्त न डिनर का वक्त था नहीं और रिफ्रेशमेंट पहले दिया जा चुका था। अटेंडेंट ने रोजेदार मुसाफिर को देखा और मुस्कुराते हुए चाय लाने का संकेत दिया। लेकिन लौटते समय अटेंडेंटस के हाथ में चाय नहीं बल्कि रोजा खोलने के लिए बेहतरीन फल-फ्रूट के साथ पूरी इफ्तारी की ट्रे उसके हाथ में थी। आईआरसीटीसी ने कहा है कि वो हि नवरात्रि के दौरान 'उपवास भोजन' परोसता है, इसलिए रमजान में भी रोजेदार को विशेष मेनू पेश करने का फैसला किया।
कैटरिंग स्टाफ की इस पेशकश से खुश, रोजेदार अख्तर ने ट्विटर पर लिखा: "इफ्तार के लिए भारतीय रेलवे का धन्यवाद। जैसे ही मैं धनबाद में हावड़ा शताब्दी में सवार हुआ, मुझे मेरा नाश्ता मिला। मैंने पेंट्री मैन से थोड़ी देर में चाय लाने का अनुरोध किया क्योंकि मैं रोजा रख रहा हूं। उसने मुझसे पूछा कि क्या मैं रोजा रख रहा हूं? मैंने हाँ में सिर हिलाया। बाद में एक दूसरा शख्स इफ्तार लेकर आया।" उन्होंने ट्रेन में उन्हें परोसे जाने वाले भोजन की एक तस्वीर भी पोस्ट की है।
आईआरसीटीसी के अधिकारियों ने कहा कि भोजन की व्यवस्था व्यक्तिगत रूप से ऑन-बोर्ड कैटरिंग मैनेजर ने की थी। आईआरसीटीसी के ऑन-बोर्ड कैटरिंग सुपरवाइजर प्रकाश कुमार बेहरा ने कहा, "कर्मचारी अपना रोजा खोलने के लिए तैयार था और यात्री भी उसी कोच में चढ़ गया था। उसने हमें बताया कि वह रोजा रख रहा है, इसलिए कर्मचारियों ने उसके साथ इफ्तार साझा किया। यह बुनियादी मानवता है।"
इस बीच, केंद्र सरकार ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। रेल राज्य मंत्री दर्शन जरदोश ने ट्वीट कर लिखा, "पूरा भारतीय रेलवे परिवार आपकी टिप्पणियों से प्रभावित है और आशा करता हूं कि आपने अच्छा भोजन किया। यह एक आदर्श उदाहरण है कि कैसे पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के आदर्श वाक्य के साथ काम करती है। जय हिंद।"