तालिबान जल्द ही देश में शरिया कानून लागू करने जा रहे हैं। तालिबान के फाउंडर में से एक और इस्लामी कानून का जानकार मुल्ला नूरुद्दीन तुराबी ने हाल ही में इंटरव्यू में तालिबानी सजा को लेकर कई खुलासे किए। आपको बता दें कि मुल्ला नूरुद्दीन तुराबी ने पुराने तालिबान सरकार में कड़े कानूनों का पालन करवाया था। तुराबी तालिबान की पिछली सरकार में न्याय मंत्री और तथाकथित पुण्य प्रचार विभाग का उपाध्यक्ष था। उसी के आदेशों पर पुलिस किसी को भी पकड़कर उसे इस्लामी कानूनों के नाम पर कड़ी सजा सुनाती थी।
हाल ही में दिए इंटरव्यू में तुराबी ने नई सरकार में पहले जैसे ही शरिया कानून लागू करने की बात कही हैं। जिसमें हाथ काटने से लेकर फांसी देने जैसी सजाएं शामिल होंगी। लेकिन इस बार इन सजाओं को सार्वजनिक रुप से नहीं दिया जाएगा। आपको बता दें कि तालिबान की पिछली सरकार में फांसी की सजा आम तौर पर किसी खुले मैदान में दी जाती थी। इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जुटती थी। उस समय पूरी दुनिया तालिबान की ऐसी सजा की निंदा करती थी। हत्या के आरोपियों के सिर में एक गोली मारकर मौत दी जाती थी। यह गोली पीड़ित परिवार को कोई शख्स चलाता था।
वही सूत्रों की मनें तो अफगानिस्तान में नई तालिबानी सरकार को जल्द ही मजबूत राजनीतिक विपक्ष का सामना करना पड़ सकता हैं। ऐसे में पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई, डॉ अब्दुल्लाह, रेजिस्टेंस फोर्स के नेता अहमद मसूद और पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह की टेंशन बढ़ गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, गनी सरकार के दौरान करीब 70 देशों में तैनात सभी अफगानी राजदूत भी इस बातचीत में शामिल हैं और जल्दी ही तालिबान के खिलाफ एक मजबूत राजनीतिक विकल्प खड़ा हो सकता है। लिहाज़ा दुनिया भर के देश तालिबान को मान्यता देने में ज्यादा जल्दीबाजी नहीं करेंगे।