Target Killing in Jammu Kashmir: पाकिस्तान अब जब जम्मू-कश्मीर में आतंक नहीं फैला पा रहा है तो वो अपने घटिया हरकतों पर उतर आया है। घाटी में गैर कश्मीरियों का निशाना बना रहा है। दरअसल, घाटी में सफाई अभियान चल रहा है जिसके तहत सुरक्षाबल आतंकियों को खोज-खोज कर जहन्नुम पहुंचा रहे हैं। केंद्र सरकार ने सुरक्षाबलों को जब से खुली छुट दी है उसी के बाद से घाटी में आतंक बिल्कुल ना के बराबर है। लेकिन, अब जब ये आतंकी कुछ नहीं कर पा रहे हैं तो पिछले काफी समय से कश्मीर में बाहरी लोगों (Kashmir Target Killing) को निशाना बना रहे हैं। केंद्र सरकार की तरफ से संसद में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा था जम्मू-कश्मीर (Kashmir Target Killing) में पिछले 5 साल में 28 प्रवासी मजदूरों की हत्या हो चुकी है। 2017 से लेकर जुलाई 2022 तक इन मजदूरों की हत्या की गई है। इसमें से सात मजूदर बिहार से, दो महाराष्ट्र और एक झारखंड से थे। अब एक बार फिर से आतंकियों ने गैर-कश्मीरी लोगों को निशाना बनाया है। जिसमें दो मजदूर घायल हो गए हैं।
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आतंकियों ने दो गैर स्थानीय मजदूरों (Kashmir Target Killing) को गोली मारकर घायल कर दिया। पुलिस एक ट्वीट में बताया है कि, पुलवामा के खरपोरा रत्नीपोरा में आतंकवादियों ने दो बाहरी मजदूरों को गोली मारकर घायल कर दिया। दोनों को अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी हालत स्थिर बताई गई है। इन दोनों मजदूरों की पहचान बिहार के बेतिया जिला निवासी शमशाद और फैजान कासरी के रूप में हुई है। यह पहली बार नहीं है जब कश्मीर में बिहार के कामगारों को निशाना (Kashmir Target Killing) बनाया गया है। पिछले कुछ सालों में हुई घटनाओं के देखते हुए कहा जा सकता है कि, आतंकियों के निशाने पर बिहार के मजदूर हैं।
आतंकियों के टारगेट पर बिहार के मजदूर
25 सितंबर 2022
आतंकियों ने पश्चिम चंपारण जिले (बेतिया) के रामनगर प्रखंड के मांगुराहा देवराज गांव के रहनेवाले फैजान कादरी और शमशाद को गोली मारकर जख्मी कर दिया। आतंकियों ने इस घटना को पुलवामा जिले के रत्नीपोरा में अंजाम दिया।
12 अगस्त 2022
इसी साल 12 अगस्त को आतंकियों ने एक शख्स की हत्या कर दी थी। जिसकी पहचान मोहम्मद जलील के बेटे मोहम्मद अमरेज के तौर पर हुई। ये बिहार के रहनेवाले थे। आतंकियों ने इनकी हत्या बांदीपोरा के अजस तहसील के सदुनारा गांव में किया।
4 अगस्त 2022
पुलवामा के गूदरा में आतंकियों ने मजदूरों पर ग्रेनेड फेंका था, जिसमें एक गैर कश्मीरी मजदूर की मौत हो गई थी और दो लोग घायल हो गए थे। मरने वाले की पहचान बिहार के सकवा परसा निवासी मुहम्मद मुमताज के तौर पर की गई।
2 जून 2022
आतंकियों ने बडगाम के चूदरा गांव में ईंट-भट्टे पर काम कर रहे एक मजदूर की गोली मारकर हत्या कर दी। जबकि गोलीबारी में एक घायल हो गया। मृतक की पहचान दिलखुश कुमार (17 साल) के रूप में हुई, जो बिहार का रहने वाला था।
17 अक्टूबर 2021
कुलगाम में आतंकियों ने लारन गंगिपोरा वानपोह इलाके में फायरिंग की। किराये के मकान में रह रहे मजदूरों के मकान में घुसकर आतंकियों ने गोलीबारी की थी, जिसमें 1 की मौत हो गई और दूसरा घायल हो गया था। दोनों की पहचान राजा ऋषिदेव और जोगिंदर ऋषिदेव देव के रूप में हुई थी, ये बिहार के रहने वाले थे।
16 अक्टूबर 2021
बिहार के रहने वाले अरबिंद कुमार साह घाटी में गोलगप्पे बेचते थे, लेकिन आतंकियों ने इन्हें भी नहीं छोड़ा। साह की आतंकियों ने श्रीनगर में पॉइंट-ब्लैंक रेंज से गोली मारी थी। इस हत्या के बाद देशभर में खूब बयानबाजी हुई थी।
5 अक्टूबर 2021
बिहार के भागलपुर का रहने वाले वीरेंद्र पासवान श्रीनगर के लाल बाजार में एक स्ट्रीट फूड विक्रेता थे, जिनकी आतंकियों ने 5 अक्टूबर 2021 को गोली मारकर हत्या कर दी।
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इसके आधार पर कहा जा सकता है कि, कश्मीर में आतंकियों के टारगेट पर बिहार के मजदूर हैं। सरकार आतंक को घाटी से उखाड़ फेंकने में कामयाब रही। अब बारी है इसके जड़ को खत्म करने की। विश्व मंच पर गला फाड़ कर झूठ बोलने वाला पाकिस्तान लगातार घाटी में आतंक फैलाने की फिराक में है। हर बार मुंह की खाने वाले पाकिस्तान को तो इस बार भारत ने घर में घुसकर मारा था। लेकिन, इसके बाद भी ये अपनी हरकतों से बाज नहीं आता।