नई दिल्ली में आयोजित आतंकवाद (Terrorism) विरोधी समिति के दूसरे दिन भारत और ब्रिटेन ने आतंकवाद को वैश्विक समस्या और पूरी दुनिया को इससे बड़ा खतरा बताया। दरअसल, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद निरोधी समिति (CTC) की दो दिवसीय विशेष बैठक भारत में हो रही है। आतंक के खिलाफ रणनीति के लिए भारत को चुना जाना देश के लिए बड़ी बात है। साल 2015 के बाद पिछले सात सालों में यह पहली बार है जब यूएनएससी की आतंकवाद निरोधी समिति की बैठक न्यूयॉर्क स्थित हेडक्वार्टर से बाहर हो रही है। बैठक मुंबई और दिल्ली में आयोजित है, जिसका विषय ‘आतंकवादी उद्देश्यों के लिए नई टेक्नोलॉजी के उपयोग का मुकाबला करना’ है। इस बैठक का उद्देश्य इंटरनेट और सोशल मीडिया (social media) वैश्विक आतंकी नेटवर्क के लिए फंडिंग और मानव रहित हवाई प्रणालियों का प्रसार, जैसे ड्रोन जैसी चुनौतियों से निबटने के तरीके खोजना है।
तकनीक को कर रहे हाईजैक आतंकी
दुनिया के बड़े देशों की चिंता यह है कि आतंकवादी तकनीक को हाईजैक कर रहे हैं। हाल के घटनाक्रम तथा आतंकवाद और टेक्नोलॉजी के उपयोग पर साक्ष्य-आधारित शोध पर चर्चा की जाएगी। यूएन के अनुसार आतंकी तकनीक का इस्तेमाल कर पैसों को इधर से उधर भेज रहे हैं और इसका गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। क्राउडफंडिंग, व्यापारिक बिक्री, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से दान के लिए अपील और अन्य तरीकों का इस्तेमाल आतंकी फंड इकट्ठा करने के लिए कर रहे हैं।
ड्रोन और एआई पैदा कर रहे नई चुनौतियां
आतंक के खिलाफ खड़े देशों तथा सुरक्षा एजेंसियों के लिए ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, 3 डी प्रिंटिंग, रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग इत्यादि तकनीक नई चुनौतियां पैदा कर रहे हैं। सभी देश इस बात पर चर्चा कर हल निकालेंगे कि इन चीजों का अवैध तरीके से आतंकी गतिविधियों में कैसे उपयोग को रोका जा सकता है। ड्रोन के बढ़ते उपयोग पर, समिति के समन्वयक, जेनिफर ब्रैमलेट ने कहा कि सदस्यों ने पहले ही इसे लेकर कुछ कदम उठाए हैं। जैसे हवाई अड्ढों व महत्वपूर्ण बिल्डिंगों के आसपास नो फ्लाई जोन, लेकिन ड्रोन खरीदने व बेचने को लेकर अभी भी कोई ठोस नियम नहीं है।
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दुनियाभर में बढ़ रही आतंकी घटनाएं
दुनियाभर में आतंकी घटनाओं में वृद्धि हो रही है। ग्लोबल टेरेरिज्म इंडेक्स रिपोर्ट के अनुसार 2020 के मुकाबले 2021 में आतंकी घटनाओं में 17 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। 2020 में 4458 आतंकी घटनाएं हुई थी जबकि 2021 में 5226 घटनाएं दर्ज की गई। 2007 के बाद यह आंकड़ा सबसे अधिक है। हालांकि मौतों में मामूली सुधार हुआ है, मौतें 1.2 प्रतिशत कम हुई हैं। रिपोर्ट बताती है कि 12 महीने की अवधि में हमलों की घातकता 1.6 मौत प्रति हमले से घटकर 1.4 मौत प्रति हमले हो गई।
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