जो इस्लामिक देश पैगम्बर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा द्वारा किए गए टिप्पणी पर धर्म का पाठ पढ़ा रहे थे वो कन्हैयालाल की हत्या पर कहां चले गए। मुल्लिम कट्टरपंथी नूपुर शर्मा के बयान को गलत तरह से पेशकर इसे मुद्दा बनाए थे। इसका फायदा पाकिस्तान ने उठाया, जिसने इस मामले पर फेक न्यूज फैलानी शुरू की और मामला देखते ही देखते पूरी दुनिया में आग की तरह फैल गया। इस्लामिक देशों में तो आग ही लग गया। भारत को धर्म के नाम पर यही इस्लामिक देश पाठ पढ़ाने लगे। लेकिन, जब रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद उदयपुर में कन्हैलाल की हत्या करते हैं तो न तो देश के कट्टरपंथी मुसलमानों के हलक से आवाज निकलती है और न ही इन इस्लामिक देशों के मुंह से। जिस वक्त पैगंबर का मामला तूल पकड़ा था उसी दौरान पाकिस्कान में भी हिंदू देवी-देताओं की मंदिरों को तोड़ दिया गया लेकिन, इसपर किसी मुसलमानों ने आचोलना तो दूर एक आवाज तक नहीं उठाई। उदयपुर घटना पर कई लोग चुप हैं। मुसलमानों के सुई चुभने पर जिस फिल्म इंडस्ट्री के कलेजे छलनी हो जाते हैं वो छुप है। विपक्ष कहीं दुबककर बैठा हुआ है। ये रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद अकेले नहीं बल्कि इनकी तरह भारत में लाख या इससे भी ज्यादा वायरस हैं। बॉर्डर के साथ ही अब इनके साथ ही भी लड़ाई लड़नी होगी।
देश के लिए दीमक हैं रियास-गैस जैसे मुसलमान
जिस तरह से कोरोन संक्रमण के लिए तमाम उपाय किए गए उसी तरह अब रियाज-गौस जैसे वायरसों का उपाय करना बेहद जरूरी है। वरना ये देश के लिए दीमक से कम नहीं हैं। ये कोई हादसा नहीं था कन्हैयालल को मारने के लिए रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद ने पूरी ट्रैनिंग ली थी। उन्होंने पहले गला रेतने की प्रैक्टिस की और इसके बाद उन्होंने हत्या किया। इसके लिए इन दोनों वायरसों ने ऑनलाइन वीडियो देख तैयारी की थी। यानी कि किसी की जान लेने के लिए पहले ऑनलाइन प्रैक्टिस किया गया। ऐसे में आप ये सोच सकते हैं कि इन्हें इस दौरान जरा भी इसका अहसास नहीं हुआ कि वो क्या करने जा रहे हैं… इन्हें जरा भी डर नहीं लगा कि वो किसी की हत्या करने जा रहे हैं। अब कानून को भी ऐसे वायरसों के खिलाफ अपना रवैया बदलना होगा।
कन्हैया के कसाइयों ने गला रेतने की पहले की थी प्रैक्टिस
रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद ने दुकान पर काने, गला रेतने से लेकर भागने तक की पूरी तैयारी की थी। इनसे कोई चूक न हो इसके लिए वो बार-बार वीडियो देख कर सीख रहे थे। रियाज और गौस के मोबाइल में पाकिस्तानी कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के कई वीडियो भी मिले हैं। ये दोनों ही इंसानों का गला रेतने के वीडियो भी देखा करते थे। क्नहैया हत्याकांड मामले में पुलिस रियाज-गैस समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। ये हादसा नहीं बल्कि, इसका आतंकी कनेक्शन है। ऐसे में इस मामले पर अब एनआईए भी पूछताछ कर रही है।
पाकिस्तानी की कट्टरपंथी आतंकी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के साथ जुड़ा था
देश में कई कट्टरपंथी मुसलमान हैं जो अब भी इन दोनों का समर्थन कर रहे हैं। कई हिंदुओं को धमकी दे रहे हैं कि अगर उन्होंने इनका विरोध किया तो उनकी भी जान को खतरा है। मतलब साफ है कि, इस सोच के लोग थोड़े बहुत नहीं बल्कि भारी मात्रा में देश के अंदर हैं। सबसे बड़ी बात यह कि, रियाज और गौस पाकिस्तानी कट्टरपंथियों खासकर तहरीक-ए-लब्बैक से जुड़े सोशल मीडिया ग्रुप्स का हिस्सा थे। जिसमें वो कट्टरपंथी और आतंकी वीडियो शेयर किए जाते थे। इन्हीं वीडियो को ये दोनों बार-बार देखा करते थे। ऐसे में यह साथ है कि, पाकिस्तान अब सोशल मीडिया के जरिए हिंदुस्तान के मुसलमानों को भड़का रहा है। एनआई यह भी पता लगाएगी कि पाकिस्तानी ग्रुप्स में और कितने हिंदुस्तानी जुड़े हुए थे।
कहां गई सोनम-दीपिका की कैंडल मार्च
सोनम कपूर से लेकर दीपिका पादूकोण, जावेद खान के अलावा कई ऐसे फिल्मी कलाकार हैं जिनकी संवेदनाएं सिर्फ मुसलमानों के साथ होती है। ये सारे इस वक्त चुप बैठे हैं। कन्हैयालाल से इनकी संवेदनाएं नहीं हैं। अब ये कैंडल मार्च नहीं करेंगे। अब ये काला कपड़ा पहन कर JNU नहीं जाएंगी। ये बेहद ही निंदनीय है कि NRC-CAA में तो इन्होंने मुसलमानों का खूब समर्थन किया वो भी उनका जिन्हें पता ही नहीं था कि वो क्यों प्रोटेस्ट कर रहे हैं। लेकिन, कन्हैयालल हत्याकांड पर ये इसलिए चुप हैं क्योंकि, मारने वाले का नाम रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद है। अगर यही किसी हिंदू ने किसी मुस्लिम का गला रेता होता तो आज पूरी फिल्म इंडस्ट्री उसकी फोटो के आगे मोबत्ती जलाते हुए हुए सरकार को घेरता और जमकर हो हल्ला करता। लेकिन, इनकी कंठ सूख चुकी है।
चुप क्यों हैं राहुल-प्रियंका
कांग्रेस के नेता इसपर चुप हैं। लेकिन, नूपुर शर्मा ने जब प्रोफेट मोम्महद पर बयान दिया था तो उसी पर राहुल से लेकर प्रियंका गांधी तक ने जमकर हो हल्ला किया। राहुल गांधी तो विदेश में जाकर ये देश के ही खिलाफ बोलते नजर आए। लेकिन, कन्हैयालाल हत्याकांड पर राहुल गांधी गला नहीं फाड़ते हैं। वो उनके परिवार से मिलने नहीं जाते, ना तो उनके परिवार के किसी सदस्य को फोन करने की जुर्रत समझते हैं। ये हत्याकांड भी हुआ कांग्रेस शासित राज्य में ही है। यही अगर उत्तर प्रदेश या अन्य बीजेपी शासित राज्य में हुआ होता तो बाप रे बाप कोहराम मच गया होता। चारो तरफ आग लग गई होती।