उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्य और पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी इन दिनों लगातार चर्चा में बने हुए हैं। अब उन्होंने इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया है। सोमवार सुबह गाजियाबाद के डासना मंदिर में यति नरसिंहानंद सरस्वती ने उन्हें सनातन धर्म में शामिल कराया। उनका नया नाम अब हरबीर नारायण सिंह त्यागी (Harbeer Narayan Singh Tyagi) होगा।
वसीम रिजवी ने हिंदू बनने के बाद कहा कि मुझे इस्लाम से बाहर कर दिया गया है, हमारे सिर पर हर शुक्रवार को ईनाम बढ़ा दिया जाता है, आज मैं सनातन धर्म अपना रहा हूं। यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि हम वसीम रिजवी के साथ हैं, वसीम रिजवी त्यागी बिरादरी से जुड़ेंगे। उन्होंने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वो इस्लाम छोड़ सनातम धर्म में शामिल होने वाले हैं। उनके धर्मांतरण कराने के बाद यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि, हम वसीम रिजवी के साथ हैं वसीम रिजवी त्यागी बिरादरी से जुड़ेंगे। यति नरसिंहानंद करीब एक महीने पहले ही जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर भी बने हैं।
बता दे कि, बीते दिनों वसीम रिजवी ने अपनी वसीयत भी सार्वजनिक की थी जिसमें उन्होंने ऐलान किया था कि मरने के बाद उन्हें दफनाया न जाए, बल्कि हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाए औऱ उनके शरीर को जलाया जाए। उन्होंने कहा था कि यति नरसिम्हानंद उनकी चिता को अग्नि दें। उन्होंने कहा था कि, उन्हें धमकी मिल रही है, कुछ लोग उन्हें मारना चाहते हैं और इन लोगों ने घोषणा कर रखी है कि उनके मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को किसी कब्रिस्तान में दफनाने नहीं दिया जाएगा। इसलिए उऩके पार्थिव शरीर को श्मशान घाट में जलाया जाए।
गौरतलब हो कि, कुछ समय पहले वसीम रिजवी ने कुरान के कथित रूप से विवादित आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज करते हुए 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था। वसीम रिजवी ने कुरान से 26 आयतें हटाने की मांग को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसी के बाद से वो मुस्लिम संगठनों के निशाने पर हैं।