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गांव की पहली IAS अधिकारी बनीं ममता यादव, बेहद रोचक और इंस्पिरेशनल है UPSC टॉपर्स की कहानी

गांव की पहली IAS अधिकारी बनीं ममता यादव

यूपीएससी का रिजल्ट जारी कर दिया गया है। इस बार कुल 761 उम्मीदवार सफल हुए हैं, जिसमें 524 पुरुष और 216 महिलाएं शामिल हैं। इस बार के टॉप पांच में लड़कियों ने बाजी मार ली है। इन सभी की कहानी प्रेरणा देने वाली है। आइए हम आपको एक ऐसी ही टॉपर के बारे में बताते हैं।

24 वर्षीय ममता अपने पूरे गांव में आईएएस बनने वाली पहली महिला बन गई हैं। ममता ने यूपीएससी की परीक्षा में पांचवीं रैंक हासिल की है। वो अपने गांव से IAS बनने बाली पहली उम्मीदवार हैं। दरअसल, ममता की यह सफलता इसलिए भी खास है, क्योंकि उन्होंने साल 2020 में भी यह परीक्षा दी थी, लेकिन उस वक्त उन्होंने 556 रैंक हासिल की थी। सिलेक्ट होने के बाद वह भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा के लिए प्रशिक्षण लेने लगीं। लेकिन ममता इतने से ही सन्तुष्ट नहीं रहीं। उन्हें यह मंजूर नहीं था।  इसलिए उन्होंने फिर से प्रयास किया और सफलता हासिल की। 

उनके पिता एक कंपनी में काम करते हैं और उनकी मां सरोज यादव गृहिणी हैं। ममता ने अपनी पूरी पढ़ाई दिल्ली से की है वो डीयू (दिल्ली यूनिवर्सिटी) के हिंदू कॉलेज से पास आउट हैं।  ममता की मां सरोज का कहना है कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उनकी बेटी इतना आगे जाएगी। उनके पिता अशोक अपनी बेटी की सफलता का श्रेय ममता की मां को देते हैं।

अपाला मिश्रा

यूपीएससी परीक्षा में डॉक्टर अपाला मिश्रा ने देशभर में नौवां स्थान हासिल किया है। अपाला की यह सफलता इसलिए खास है क्योंकि डॉ अपाला ने तीसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की है। उनका पहला प्रयास असफल रहा। दोबारा में फिर यूपीएससी की परीक्षा दी तो उसमें भी असफल रहीं। उसके बाद भी असफल रहीं। उसके बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अक्टूबर 2020 में तीसरी बार परीक्षा दी और 9वीं रैंक हासिल की। वसुंधरा सेक्टर-5 में रहने वाली डॉ। अपाला मिश्रा मूलरूप से बस्ती के पुराना डाकखाना सिविल लाइन की रहने वाली हैं। अपाला विदेश में बेहतर नीति बनाकर देश सेवा करना चाहती हैं। उनका मानना है कि वो कुछ ऐसा करे जिससे वे कुछ अच्छा और बड़ा बदलाव ला सके।