राजधानी दिल्ली के भारत मंडपम में जी-20 (G20) शिखर सम्मेलन की बैठक जारी है। इस बीच भारत को इस शिखर सम्मेलन में बड़ी कामयाबी मिली है। सम्मेलन के दूसरे सत्र में लीडर्स डिक्लेरेशन या कहें कि इस शिखर सम्मेलन के साझा घोषणा-पत्र पर सहमति बन गई है। सम्मेलन के दूसरे सत्र ‘वन फैमिली’ में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जताते हुए इसका ऐलान किया है। उन्होंने कहा-एक खुशखबरी मिली है। हमारी टीम की कठिन मेहनत और आप सबके सहयोग से जी 20 लीडर समिट के डिक्लेरेशन पर सहमति बनी है। मेरा प्रस्ताव है कि लीडर्स डिक्लेरेशन को भी अपनाया जाए। मैं भी इस डिक्लेरेशन को अपनाने की घोषणा करता हूं।
भारत अमेरिका और रूस दोनों को एक साथ लाने में कामयाब रहा। इस डॉक्यूमेंट में रूस-यूक्रेन युद्ध का कोई खास जिक्र नहीं किया गया है। यूक्रेन जहां इससे खुश नहीं है तो रूस ने इसे संतुलित बयान बताया है। अमेरिकी मीडिया CNN ने लिखा कि जी-20 के डॉक्यूमेंट में रूस-यूक्रेन युद्ध का जिक्र सॉफ्ट भाषा में किया गया।
इस पूरे डॉक्यूमेंट में कहीं भी रूस को हमला करने वाला नहीं कहा गया है। पश्चिमी देश भी इस पर सहमत हो गए जो पूरी दुनिया के लिए हैरानी वाली बात है। यह भारत के डिप्लोमेसी की कामयाबी और रूस के लिए बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है। दुनिया भर की मीडिया ने इस खबर को प्रमुखता से लिया है। बीबीसी ने अपनी खबर में लिखा, ‘जी 20 (G20) ने यूक्रेन युद्ध पर अफसोस जताया लेकिन रूस पर आरोप लगाने से परहेज किया।’ इसके अलावा खबर में यूक्रेन का पक्ष भी लिखा गया है। यूक्रेन ने कहा कि इसमें कुछ भी गर्व करने वाला नहीं है। बीबीसी ने लिखा, ‘ऐसा लगता है जैसे दिल्ली घोषणा पश्चिम और रूस दोनों को सकारात्मकता खोजने की अनुमति देने के लिए डिजाइन की गई है। लेकिन रूस की निंदा के लिए पिछले साल बाली में हुए समिट जैसी सख्त भाषा का भी इस्तेमाल नहीं किया गया।’
अल जजीरा ने अपनी खबर में लिखा कि जी-20 (G20) के नेता संयुक्त विज्ञप्ति पर सहमत हुए, लेकिन रूस और यूक्रेन युद्ध पर सॉफ्ट भाषा का इस्तेमाल किया। अल जजीरा ने लिखा कि रूस यूक्रेन युद्ध के कारण जी-20 में मतभेद दिख रहे थे, लेकिन पहले ही दिन इस घोषणा पत्र पर सहमति बन गई। अल जजीरा ने लिखा, ‘हर किसी के मन में यह सवाल था कि क्या भारत जी-20 अध्यक्ष के रूप में पश्चिमी देशों और रूस के बीच मतभेदों को देखते हुए एक आम सहमति दस्तावेज लाने में कामयाब होगा।’ लेख में आगे लिखा गया, ‘लेकिन एक बड़ी कूटनीतिक सफलता में भारतीय पीएम ने शनिवार को घोषणा करते हुए बताया कि सभी नेता एक संयुक्त घोषणा पर सहमत हुए हैं।’
पाकिस्तानी अखबार डॉन ने भी अपनी खबर में युद्ध से जुड़ी सॉफ्ट भाषा का जिक्र किया। हालांकि उसने किसी भी तरह से भारत की डिप्लोमैटिक जीत का जिक्र नहीं किया। रूस के मीडिया RT ने अपनी खबर में लिखा, ‘सदस्यों के बीच असहमति थी और मेजबान देश भारत तटस्थ था। इस वजह से घोषणापत्र में संघर्ष पर किसी तरह एक पक्ष लेने की हमेशा संभावना नहीं थी। यूक्रेन पर अंतरिम पैराग्राफ को अंतिम रूप देने के साथ घोषणा में कहा गया कि सभी देशों को अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। परमाणु हथियार या उसकी धमकी अस्वीकार्य है।’
भारत ने जी-20 (G20) शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन की मेजबानी कर रहा है। रविवार को विदेशी मेहमानों ने राजघाट पहुंच कर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद एक बार फिर सभी नेता जी-20 सभागार पहुंचे। यहां जी-20 के मुख्य एजेंडे पर बात होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस के राष्ट्रपति के साथ एक द्विपक्षीय मीटिंग भी होगी। इसके अलावा कनाडा के साथ भी मीटिंग प्रस्तावित है।
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