भारत की राजधानी नई दिल्ली में G20 समिट का आगाज हो चुका है। इस भव्य आयोजन पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। भारत का पड़ोसी (Pakistan) मुल्क इस ऐतिहासिक आयोजन को देख तिलमिलाया हुआ है। अमेरिका से लेकर फ्रांस तक दुनिया के तमाम बड़े देशों के प्रतिनिधि इस समय दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं जो हमारे पड़ोसी पाकिस्तान को पसंद नहीं आ रहा है।ऐसे में, पाकिस्तान ने भारत में जी20 शिखर सम्मेलन के लिए जुटे मेहमानों की भारी भीड़ देख एक बार फिर कश्मीर राग अलापा है। पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि भारत जम्मू और कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों और मानवीय कानूनों का उल्लंघन कर रहा है। पाकिस्तान ने भारत से अपने दायित्वों का सम्मान करने की अपील की। हालांकि, पाकिस्तान ने इस मौके पर पीओके के वर्तमान हालात और विरोध प्रदर्शनों पर जरूर चुप्पी साध ली।
पाकिस्तान(Pakistan) अधिकृत कश्मीर और गिलगित बाल्टिस्तान में इन दिनों पाकिस्तान के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है। इस इलाके के लोग पहले से ही पाकिस्तान की उपेक्षा को सहन कर रहे थे। लेकिन, पाकिस्तान ने इस इलाके में बिजली की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोत्तरी कर लोगों के जेब पर डाका डाल दिया। इस इलाके के कई लोगों ने बिजली के बिलों को सार्वजनिक तौर पर जलाकर सरकार के प्रति गुस्से का इजहार किया। गिलगित बाल्टिस्तान में तो लोग भारत का झंडा फहरा रहे हैं। इस इलाके में रहने वाले शिया मुस्लिम, बहुसंख्यक सुन्नी समुदाय के अत्याचारों से त्रस्त हैं। उन्होंने कई बड़ी रैलियां कर खुद को भारत में मिलाने की आवाज बुलंद की है।
इसके बावजूद पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता ने साप्ताहिक ब्रीफिंग में आरोप लगाया कि भारत ने जम्मू और कश्मीर पर अवैध तरीके से कब्जा किया है। जबकि, सच्चाई यह है कि पीओके और गिलगित बाल्टिस्तान समेत पूरा जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। इसे संयुक्त राष्ट्र समेत दुनियाभर के देश भी मान्यता देते हैं। इसके बावजूद पाकिस्तान ने प्रॉपगैंडा में माहिर कथिर मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल का हवाला देकर जी20 में शामिल होने भारत आए मेहमानों का ध्यान खींचने की नाकाम कोशिश की।
पाकिस्तान (Pakistan) ने जी20 के सदस्य देशों और संगठनों को खुला पत्र लिखकर भारत के खिलाफ भड़काने की पूरी कोशिश की है। पाकिस्तानी प्रवक्ता ने कहा कि इस पत्र में जम्मू और कश्मीर में कथित तौर पर चल रही दमनकारी नीतियों का उल्लेख किया गया है। पाकिस्तान ने इस पत्र में भारत पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्ण सभा पर प्रतिबंध, स्वतंत्र मीडिया और नागरिक समाज समूहों पर कार्रवाई का आरोप लगाया है। पाकिस्तान ने कहा कि चूंकि भारत जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करता है और खुद को वैश्विक मंच पर एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में प्रस्तुत करता है, इसलिए उसे अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार और मानवीय कानूनों के तहत अपने दायित्वों का सम्मान करना चाहिए।
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