Bhagwant Mann Drunk Case: फ्रैंकफर्ट में लुफ्थांसा एयरलाइंस मामले की चर्चा इस वक्त पूरे देश में हो रही है। पंजाब के मौजूदा सीएम भगवंत मान (Bhagwant Mann Drunk Case) को लुफ्थांसा विमान से नीचे उतार दिया जाता है… वजह उनकी शराब थी। ये बात पूरे देश में आग की तरह फैल गई है और इसी बीच तीन साल पहले वाले भगवंत मान के शराबी की कहानियां भी सामने आने लगी हैं। कहा जाता है कि, तीन साल पहले भगवंत मान ने शराब न पीने की कसम खाई और अपना इलाज करवाना शुरू किया। लेकिन, क्या मजाल था कि, डॉक्टर ‘मान’ को शराब से अलग कर सके। उलटा हुआ यह कि, भगवंत मान (Bhagwant Mann Drunk Case) से तो शराब न छूटी लेकिन, इलाज करने वाला डॉक्टर शराबी जरूर बन गया। सिर्फ शराबी ही नहीं डॉक्टर को जुए की भी लत लग गई थी और ये लत ऐसी लगी कि उसने अपना सबकुछ तबाह कर दिया।
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अपने पैरों पर ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहे थे भगवंत मान
पहले लुफ्थांसा एयरलाइंस मामले की बात कर लेते हैं, दो दिन पहले जर्मनी के फ्रैंकफर्ट से भगवंत मान इंडिया वापस आ रहे थे, जिसके लिए उन्होंने लुफ्थांसा एयरलाइंस के विमान में टिकट बुक किया। उनका सामान विमान में लोड हुआ और वो फ्लाइट में चढ़ भी गए। लेकिन, क्रू की नजर उनके पैर पर पड़ी फिर पूरे शरीर पर, वो देखते हैं कि भगवंत मान अपने पैरों पर ठीक से खड़े भी नहीं हो पा रहे थे। इसके बाद उन्होंने जब मान से सवाल किया तो वो इसका भी जवाब ठीक से नहीं दे पा रहे थे। अंत में क्रू ने उन्हें ले जाने से मना कर दिया और जहाज से नीचे उतार दिया। इस तमाशे में पूरे चार घंटे लग गए। यात्रियों को चार घंटे की देरी से उड़ान भरनी पड़ी। फ्लाइट के एक को-पैसेंजर ने ये सारी दास्ता सुनाई जिसे आम आदमी पार्टी बकवास बता रही है। लेकिन, भगवंत मान के शराब वाली लत को जानने के बाद आपको लुफ्थांसा एयरलाइंस के उस को-पैसेंजर्स की बात बिल्कुल बकवास नहीं लगेगी।
तीन साल पहले भयंकर नशेड़ी हुआ करते थे भगवंत मान
अब भगवंत मान के जीवन के 3 साल पीछे की ओर लौटते हैं जब पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अच्छे से पता था कि भगवंत मान नशेड़ी हैं। उनपर तो भयंकर शराबी और नशेड़ी होने का आरोप भी लगाता रहा है, यहां तक कि कई बार पार्टी को भी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है। केजरीवाल ने अंत में फैसला किया कि वो मान की लत छुड़ा कर रहेंगे। जिसके बाद उन्होंने भगवंत मान को सुधारने के लिए ऐलान कर दिया कि वो देशहित में शराब छोड़ने को तैयार हो गए हैं।
जिस नशामुक्ति केंद्र में गए उसके मालिक को ही बना दये नशेड़ी और जुआड़ी
अब शराब छोड़ने के लिए कसम खाए भगवंत मान एक चर्चित प्राइवेट नशामुक्ति केंद्र में भर्ती हो गए। लेकिन, भगवंत मान इतने बड़े नशेड़ी थे कि वो नशामुक्ति केंद्र के मालिक को ही नशेड़ी बना दिये। दरअसल, उन दिनों मीडिया में खबरें आई कि, भगवंत मान की शराब तो छूटी नहीं लेकिन, नशामुक्ति केंद्र का मालिक शराब और जुआड़ी जरूर बन गया है। इसका खुलासा, एक व्यक्ति की पिटाई से होता है। हुआ कुछ ऐसा कि, थाने में एक व्यक्ति पहुंचा जो अपनी पिटाई और जबरन उगाही की शिकायत दर्ज कराने गया था। जिसके बाद खुलासा हुआ कि, ये तो नशा मुक्ति केंद्र का मालिक है जिसे शराब और जुआ खेलने के चलते काफी नुकसान उठाना पड़ा।
नशामुक्ति केंद्र का मालिक नशे के चक्कर में बेच दिया अपना सबकुछ
भगवंत मान को नशे की लत छुड़ाने वाला नशामुक्ति केंद्र के मालित को शराब और जुये की ऐसी लत लगी कि वो अपना घर और नशामुक्ति केंद्र तक को गिवरी रख चुका था। उसके साथ जुआरी और उधारी वाले उसे ढूंढ रहे थे, उन्हीं में से कुछ ने से पकड़ कर पीट दिया था। ये खबर मीडिया में आग की तरह फैल गई। जिसके बाद मीडिया जब नशामुक्ति केंद्र चलाने वाले की पत्नी के पास पहुंची तो कई और खुलासे हुए। उसकी पत्नी ने मीडिया को बताया कि, ‘भगवंत मान एक पेग पी के चुटकुले और केजरीवाल की रंगीन दुनिया के किस्से सुनाया करते थे और जब किस्सों की मांग बढ़ती थी तो और शराब मांगते थे, ये सिलसिला जब कुछ दिन चला तो भगवंत मान ने नशामुक्ति केंद्र के संचालक से ज़िद करी की तुम भी मेरे साथ बैठ के पियो फिर केजरीवाल जी के घोटालों के भी रंगीले किस्से सुनाऊंगा जिसे नशामुक्ति केंद्र का मालिक मना नहीं कर पाया और कुछ ही दिनों में नशे का ग़ुलाम बन गया। उसी दौरान आईपीएल भी चल रहा था जिसके में नशेमुक्ति केंद्र का मालिक अपना सबकुछ दाव पर लगा कर हार बैठा। अपना खुद का नशामुक्तिकेंद्र गंवाने के बाद वो सरकारी नशामुक्ति केंद्र भर्ती हो गया।
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जनता की आखों में आम आदमी पार्टी ने झोंका धूल
अरविंद केजरीवाल जिसे पंजाब का मुख्यमंत्री बना रहे थे उसके बारे में अच्छे से जानते थे। केजरीवाल चुनाव के समय में लंबी-लंबी हांक रहे थे कि राज्य से नशा मुक्त कर दिया जाएगा। नशीली मानक पदार्थों की तस्करी पर कार्रवाई करेंगे। लेकिन, उनके द्वारा बनाया गया मुख्यमंत्री तो खुद नशेड़ी निकला। अब सवाल है कि, जिसका नशे का लत तीन साल पहले नशामुक्ति केंद्र नहीं छुड़ा पाया वो राज्य का भला कैसे कर पायेगा? केजरीवाल जनता की आंखों में धूल झोंक रहे हैं। ये वो भगवंत मान हैं जिनके बारे किस्से ऐसे भी हैं कि जब वो सांसद थे तब वो संसद में शराब पीकर गए थे।