केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि नए कृषि सुधारों से भारतीय किसानों, खासकर सुदूरवर्ती, दूरदराज और पहाड़ी इलाकों में रहने वाले किसानों के जीवन यापन में आसानी होगी।
रामबन और ऊधमपुर ज़िलों के विभिन्न प्रखंडों के अंतर्गत किसानों, सरपंचों, पंचों और पंचायतों के स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत के दौरान, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि नये कृषि अधिनियम कृषक समुदाय के लिए एक नई क्रांतिकारी शुरूआत है, विशेष रूप से दुर्गम और सीमावर्ती क्षेत्र के किसानों के लिए, जिन्हे हमेशा दुर्गम परिस्थितियों और परिवहन की समस्या का सामना करना पड़ता है। उन्होने कहा कि नई व्यवस्था उन किसानों के लिए नये विकल्प खोलेगी।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अतीत में कई किसान फसल काटने के बाद अपनी फसल का भंडारण करते थे और फिर कुछ बिचौलियो के मध्यम से अपनी फसल को बेचने के लिए इंतजार किया करते थे क्योंकि उनके पास अपनी फसल को बेचने के लिये बाजार तक ले जाने के लिए पर्याप्त साधन या संसाधन नहीं थे।
उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था के तहत, किसान विभिन्न स्रोतों के माध्यम से खरीदार की व्यवस्था कर सकते हैं या अपनी खेती के लिए एक अनुबंध समझौते के विकल्प का लाभ उठा सकते हैं।
मोदी सरकार के मौजूदा कृषि उपज और पशु धन विपणन समिति (एपीएमसी) केंद्रों और मंडियों को बंद करने की तैयारी के विपक्षी दलों के दुष्प्रचार का जवाब देते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि वास्तव में केंद्र सरकार द्वारा नए केंद्र खोलने की प्रक्रिया आवश्यकता और मांग के आधार पर विभिन्न स्थानों पर आज भी चल रही है। हालांकि उन्होंने कहा कि आज के युवा शिक्षित और तकनीक-प्रेमी कृषक पहले की व्यवस्था से नहीं जुड़ना चाहते और वह अपने विकल्प का इस्तेमाल करने की स्वतंत्रता के हकदार हैं।.
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