प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में शुक्रवार को पारित हुए तीन कृषि सुधार विधेयकों की सराहना करते हुए कहा कि इससे किसानों और कृषि क्षेत्र को बिचौलियों और अन्य अड़चनों से छुटकारा हासिल करने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने किसानों को गुमराह करने के लिए विपक्ष को फटकार लगाई और किसान समुदाय को आश्वासन दिया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और उनकी उपज की सरकारी खरीद उनके लिए कई अन्य दूसरे विकल्पों के साथ-साथ जारी रहेगी।
मोदी ने बिहार में "कोसी रेल महासेतु" के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "मैं देश के किसानों को कृषि सुधार विधेयकों के लिए बधाई देता हूं जो लोकसभा में पारित किए गए हैं। ये किसानों को बिचौलियों से छुटकारा पाने में मदद करेंगे जो ग्राहकों को उनकी उपज की बिक्री करते समय फसलों के मूल्य का बड़ा हिस्सा ले लेते हैं। ये बिल किसानों के लिए एक ढाल का काम करेंगे।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "ऐसे लोग हैं जिन्होंने देश पर शासन किया था, लेकिन अब इस विषय पर किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। वे इन विधेयकों के बारे में झूठ फैला रहे हैं। वे प्रचार कर रहे हैं कि सरकार द्वारा किसानों को एमएसपी का लाभ नहीं दिया जाएगा। उनके द्वारा यह भी कहा जा रहा है कि सरकार किसानों से धान-गेहूं आदि नहीं खरीदेगी। यह झूठ है। देश के किसानों को इन लोगों से सावधान रहना होगा। किसानों को उन लोगों से सावधान रहना चाहिए, जिन्होंने दशकों से देश पर शासन किया है और अब उनसे झूठ बोल रहे हैं।”
प्रधानमंत्रा मोदी ने किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा, "हमारी सरकार एमएसपी के माध्यम से किसानों को उचित मूल्य प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम पहले भी ऐसा करते रहे हैं और भविष्य में भी करते रहेंगे। इसके अलावा अनाजों की सरकारी खरीद पहले की तरह ही जारी रहेगी।"
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उल्लेखनीय है कि कृषि उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तीकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा समझौता विधेयक, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक लोकसभा में पारित हो गए हैं। इन विधेयकों को अब उच्च सदन में पेश किया जाएगा।
विपक्षी दलों जैसे कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (RSP) ने इन बिलों का विरोध करते हुए इनके "किसान विरोधी" होने का दावा किया है। इसके अलावा केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने गुरुवार को इन विधेयकों के पारित होने पर इस्तीफा दे दिया था।.
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