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तोमर ने राज्य सरकारों से एक लाख करोड़ रुपये के एग्री इंफ्रा फंड का लाभ छोटे किसानों तक पहुंचाने को कहा

कृषि सुधारों पर मुख्यमंत्रियों व राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बैठक में विस्तृत चर्चा की। तोमर ने कहा कि एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से देश के 85 प्रतिशत से ज्यादा छोटे व मझौले किसानों तक पूरा फायदा पहुंचना जरूरी है।

तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए अध्यादेश पूरी तरह से किसान हितैषी है, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर भी गुमराह नहीं होना चाहिए, किसानों से एमएसपी पर उपज की खरीद पूर्व की तरह जारी रहेगी। राज्यों के मुख्यमंत्रियों व मंत्रियों ने इस दौरान कहा कि किसानों की भलाई के लिए एक लाख करोड़ रुपये के फंड का उपयोग करने में वे कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, गांव-गांव में इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करेंगे।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार इस फंड का पूरा उपयोग करेगी व किसानों की आय दोगुनी करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी बना ली गई है। केंद्र की नई स्कीम के तहत एफपीओ के गठन को भी राज्य सरकार आंदोलन के रूप में ले रही हैं।

तोमर ने कहा कि 8 जुलाई को प्रधानमंत्री जी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने इस फंड को मंजूर करने का निर्णय लिया, कृषि मंत्रालय ने मात्र महीने भर में सारी कार्यवाही पूरी कर दी और 9 अगस्त को पीएम ने इसका शुभारंभ भी कर दिया। यह अपने आप में एक बड़ी सफलता है।

12 सरकारी बैंकों व आईडीबीआई के साथ एमओयू भी हो चुका है, जो फंड के माध्यम से कृषि क्षेत्र के विकास के लिए तत्पर हैं। अब राज्य सरकारें इस दिशा में तेजी लाकर पैकेज का ठीक प्रकार से किसानों तक लाभ पहुंचाने में मदद करें। राज्यों में सर्वे करें, सेमिनारों का आयोजन हों, बैंकर्स व अन्य संबंधितों से भी चर्चा की जाएं।

सम्मेलन में हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर, गुजरात के कृषि मंत्री आर.सी. फलदू, बिहार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार व नाबार्ड के चेयरमैन जी.आर. चिंताला ने भी विचार रखें।

योजना के तहत लाभ- एग्री इंफ्रा फंड की योजना अवधि वित्तीय वर्ष 2020 से वित्तीय वर्ष 2029 (10 वर्ष) तक होगी। यह स्कीम किसानों, प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों, किसान उत्पाद संगठन, कृषि उद्यमियों आदि को सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों और फसलोपरांत कृषि मूलभूत संरचना के निर्माण में सहायता प्रदान करेगी। इसके तहत 2 करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए सीजीटीएमएसई योजना के तहत क्रेडिट गारंटी कवरेज और 3 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से की ब्याज छूट के साथ ऋण के रूप में बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों द्वारा 1 लाख करोड़ रुपये दिए जाएंगे। योजना के दिशा-निर्देश जारी हो चुके हैं। इसके लिए एक पोर्टल भी खोला गया है।.

डॉ. शफी अयूब खान

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