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बांस के उत्पादों का निर्यात बढ़ाने की भारत की बड़ी योजना पर काम शुरू

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 9 राज्यों (मध्य प्रदेश, असम, कर्नाटक, नागालैंड, त्रिपुरा, ओडिशा, गुजरात, उत्तराखंड व महाराष्ट्र) के 22 बांस क्लस्टरों की मंगलवार को वर्चुअल शुरुआत की। इसके साथ ही राष्‍ट्रीय बांस मिशन (एनबीएम) के लोगो का विमोचन भी किया।

कार्यक्रम में तोमर ने कहा कि देश में बांस मिशन सफल हो रहा है, भारत अब बांस के उत्पादों का निर्यात बढ़ाने की दिशा में अग्रसर होगा।  उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की यह संकल्पना रही है कि स्थानीय उद्यमियों की प्रगति हो, उनका सरंक्षण हो और देशी उत्पाद आगे बढ़ें। इसी क्रम में बांस मिशन के पीछे सरकार के उद्देश्य सभी के सहयोग से सफल हो रहे है।

बांस के महत्‍व को देखते हुए सरकार ने ‘’पेड़’’ की परिभाषा से बांस को हटाने के लिए भारतीय वन अधिनियम-1972 का वर्ष 2017 में संशोधन किया, जिससे किसानों को बांस व बांस आधारित उत्‍पादों की सुगम आवाजाही में सहायता हुई है। आज सभी लोग बांस की खेती और व्यवसाय करने के लिए स्वतंत्र है।

तोमर ने कहा कि आयात नीति में भी परिवर्तन के साथ ही बांस मिशन की उपयोगिता को दृष्टिगत रखते हुए सरकार तेजी से काम कर रही है, जिससे यह व्यवसाय बढ़ रहा है और रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हो रहे है। देश में एक बड़ा रकबा ऐसा है जहां फसलों की खेती नहीं हो सकती लेकिन बांस का उत्पादन किया जा सकता है। मेढ़ पर भी बांस उगाकर किसान अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकता है।

उन्होंने कहा कि पुरातन काल में भी लोग बांस का उपयोग अपने घरों के लिए करते थे, वे घर सुरिक्षत रहते थे। सरकार के माध्यम से अब पुरानी पद्धतियों को ही नई तकनीक से विकसित किया जा रहा है। राज्य भी बांस मिशन को गंभीरता से ले रहे है। हमारे यहां के कारीगर भी कुशल हैं, जिनके इस दिशा में आगे बढ़ने पर निर्यात बढ़ाने के लिए भारत अग्रसर होगा।

कार्यक्रम में कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला व कैलाश चौधरी भी उपस्थित थे। राष्ट्रीय बांस मिशन का आधिकारिक लोगो तैयार करने के लिए MyGoV प्‍लेटफार्म के माध्यम से ऑनलाइन प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। देशभर से मिली 2033 प्रविष्टियों में से तेलंगाना के श्री साई राम गौड एडिगी द्वारा विकसित डिजाइन को चुना गया व उन्हें नगद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

बांस, ग्रामीण भारत के किसान और उद्योग के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण रहा है। राष्‍ट्रीय बांस मिशन (एनबीएम) के 'लोगो' में बांस की छवि भारत के विभिन्न हिस्सों में बांस की खेती को चित्रित करती है। लोगो के चारों ओर औद्योगिक पहिया बांस क्षेत्र के औद्योगीकरण के महत्व को दर्शाता है। लोगो में सुनहरे पीले व हरे रंग का संयोजन दर्शाता है कि बांस 'हरा सोना' है। आधा औद्योगिक पहिया और आधा किसान सर्कल किसानों और उद्योग दोनों के लिए बांस के महत्व को दर्शाता है।.

डॉ. शफी अयूब खान

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