Aja Ekadashi 2021: आज है ‘अजा एकादशी’ का व्रत आज, कैसे करें भगवान विष्णु की पूजा, यहां देखें

<div id="cke_pastebin">
आज अजा एकादशी हैं। भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष की एकादशी को 'अजा एकादशी' के नाम से जाना जाता है। 'अजा' का अर्थ है जिसका जन्म न हो। इस एकादशी को जया एकादशी भी कहा जाता हैं। है। ये श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दो दिन बाद पड़ती है। इस दिन भगवान विष्णु के श्रीहरि रूप की पूजा की जाती हैं और व्रत रखा जाता हैं। मान्यता हैं कि इस व्रत को रखने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। भगवान कृष्ण ने ब्रह्मवैवर्त पुराण में इस एकादशी की महिमा का वर्णन युधिष्ठिर से किया था। इस व्रत को करने से जन्म-मरण के दुष्चक्र से मुक्ति मिल जाती है। चलिए आपको बताते हैं अजा एकादशी का शुभ मूहर्त, पूजा विधि समेत तमाम चीजें</div>
<div id="cke_pastebin">
 </div>
<div id="cke_pastebin">
<strong>अजा एकादशी व्रत का समय</strong></div>
<div id="cke_pastebin">
आज सुबह 6:22 के बाद शुरू होकर 3 सितंबर के दिन सुबह 7:45 तक।</div>
<div id="cke_pastebin">
 </div>
<div id="cke_pastebin">
<strong>ऐसे करें अजा एकादशी का व्रत</strong></div>
<div id="cke_pastebin">
इस दिन जल्‍दी उठकर घर की साफ-सफाई करें। </div>
<div id="cke_pastebin">
झाड़ू और पोंछा लगाने के बाद पूरे घर में गौमूत्र का छिड़काव करें। </div>
<div id="cke_pastebin">
उसके बाद शरीर पर तिल और मिट्टी का लेप लगा कर कुशा से स्नान करें। </div>
<div id="cke_pastebin">
नहाने के पानी में गंगाजल जरूर मिलाएं। </div>
<div id="cke_pastebin">
नहाने के बाद भगवान विष्णु जी की पूजा करें। </div>
<div id="cke_pastebin">
दिनभर भगवान विष्णु का स्मरण करते रहे।</div>
<div id="cke_pastebin">
 </div>
<div id="cke_pastebin">
<strong>अजा एकादशी की इस तरह करें पूजा </strong></div>
<div id="cke_pastebin">
घर में पूजा के स्थान पर या पूर्व दिशा में किसी साफ जगह पर गौमूत्र छिड़ककर वहां गेहूं रखें। </div>
<div id="cke_pastebin">
फिर उस पर तांबे का लोटा यानी कलश रखें। लोटे को जल से भरें और उसपर अशोक के पत्ते या डंठल वाले पान रखें।</div>
<div id="cke_pastebin">
कलश पर नारियल रख दें। इस तरह कलश स्थापना करें। फिर विष्णु भगवान की पूजा करें और दीपक लगाएं। </div>
<div id="cke_pastebin">
इसके बाद पूरे दिन व्रत रखें और अगले दिन तक कलश की स्थापना हटा लें। </div>
<div id="cke_pastebin">
फिर उस कलश का पानी पूरे घर में छिड़क दें और बचा हुआ पानी तुलसी में डाल दें।</div>
<div id="cke_pastebin">
 </div>
<div id="cke_pastebin">
<strong>अजा एकादशी की कथा</strong></div>
<div id="cke_pastebin">
कथा के अनुसार, अपनी सत्यनिष्ठा व करुणा के लिए प्रसिद्ध राजा हरिश्चंद्र को जब एक स्वप्न के कारण अपना राज्य  छोड़ना पड़ा, तब वह आजीविका के लिए श्मशान में काम करने लगे। एक दिन ऋषि गौतम ने जब उन्हें इतनी दारुण अवस्था में देखा, तो उन्होंने राजा को इस एकादशी पर व्रत रखने को कहा। राजा ने वैसा ही किया। परिणामस्वरूप राजा हरिश्चंद्र को न सिर्फ उनका राज्य वापस मिल गया, बल्कि उनका मृत पुत्र भी पुन: जीवित हो गया।  इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करके व्रत कथा का पाठ करें और चरणामृत बना कर सबको बांटें। </div>

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

1 year ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

1 year ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

1 year ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

1 year ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

1 year ago