ओमिक्रॉन ने बनाए अपने तीन ‘घातक’ वैरिएंट, कोरोना की तरह मचाएंगे, भारत समेत 40 देशों को खतरा!

<p>
कोरोना का स्वरूप ओमिक्रॉन के भी कई रुप है, जो अब दिखने लगे है। ओमिक्रॉन बीए.1, बीए.2 और बीए.3 हैं, इनमें से ओमिक्रॉन का 'बीए.2' पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा तेजी से फैल रहा है। फ्रांस, डेनमार्क और भारत सहित 40 देशों में पहुंच चुका है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ओमिक्रॉन के मुकाबले बीए.2 अधिक संक्रामक है। जल्द ही बीए.2 सब-वेरिएंट पूरी दुनिया में ओमिक्रॉन के मूल स्वरूप की जगह ले सकता है। स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी ने इसे वैरिएंट अंडर इंवेस्टिगेशन श्रेणी में रखा है। इसके बारे में रिसर्च की जा रही है।</p>
<p>
<a href="https://hindi.indianarrative.com/world-news/russia-ready-to-attack-on-ukraine-and-america-is-preparing-for-counter-attack-with-weapons-cannons-35850.html">यह भी पढ़ें- महायुद्ध! यूक्रेन पर हमले के लिए तैयार रुस ने एक लाख सैनिक, जवाबी कार्रवाई के लिए हथियार-तोपों के साथ अमेरिका भी मुस्तैद </a></p>
<p>
दुनियाभर में बीए.2 के करीब आठ हजार मामले सामने आए हैं। ब्रिटेन ने अब तक इसके 426 मामले देखें गए है। भारत और फिलीपींस में इससे संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। लेकिन सबसे ज्यादा इसे डेनमार्क में पाया गया है, जहां जनवरी के दूसरे हफ्ते में 45 फीसदी मामले ओमिक्रॉन बीए.2 के होने की आशंका है। वैज्ञानिकों की टीम वायरस के नए स्वरूप पर नजर बनाए हुए है। वैज्ञानिकों का दावा है कि ओमिक्रॉन बीए.2 में लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को तोड़ने की क्षमता भी ज्यादा हो सकती है। इसीलिए इसके तेजी से फैलने की आशंका है।</p>
<p>
<a href="https://hindi.indianarrative.com/india-news/pakistan-and-china-is-distributing-uniforms-to-terrorists-indian-soldiers-on-alert-35844.html">यह भी पढ़ें- LoC पर आतंकियों को वर्दी बांट रहा पाकिस्तान, चीन देगा बड़े हमले को अंजाम, अलर्ट पर भारतीय जवान</a></p>
<p>
ब्रिटेन ने अब तक इसके 426 मामले सिक्वेंसिंग के जरिए पहचाने हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि ओमिक्रोन के तीन स्वरूप बीए.1, बीए.2 और बीए.3 है। हालांकि बीए.2 स्वरूप तेजी से ओमिक्रॉन के मूल स्ट्रेन की जगह लेता दिख रहा है। ये पता लगाना संभव नहीं है कि इस रूप की उत्पत्ति कहां से हुई। भविष्य में वायरस का ये वेरिएंट कितना घातक या महामारी के दौर में कितना आक्रामक हो सकता है। अच्छी बात यह है कि बीए.2 की पहचान आसान होगी क्योंकि इसमें स्पाइक-एस जीन नहीं होगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि जीनोम सिक्वेंसिंग के बजाए आरटी-पीसीआर जांच से ही इसकी पहचान हो सकती है। आपको बता दें कि ओमिक्रॉन वेरिएंट को पहचानने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग का सहारा लेना पड़ रहा है।</p>

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

7 months ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

7 months ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

7 months ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

7 months ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

7 months ago