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नींबू-मिर्च नहीं, बुरे दिन टालने के ये हैं टोटकेः राहु के नक्षत्र में इन अचूक उपायों से हो जाएंगे सारे दुख-दूर

बुरे दिन टालने के टोटके

अगर आपका बिजनेस नहीं चल रहा है। लगातार पैसा लगाने और माल भरने के बाद भी घाटा हो रहा है, नौकरी में तरक्की नहीं मिल रही है। बॉस नाराज रहता है, कुलीग पीठ पीछे दुश्मनी करते हैं, घर में क्लेश बनी रहती है। बार-बार मन भाग जाने को करता है तो इन समस्याओं का उपाय क्या है? इन समस्याओं का हल भारत के समुद्री शास्त्र में है।बैसाख मास की उदया तिथि चतुर्थी, सुकर्मा योग और आद्रा नक्षत्र में इन उपायों को करके सभी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।

आईए जानते हैं इन उपायों के बारे में और कोशिश करते हैं आपका जीवन खुशहाल बनाने की-

  • सफेद कांच के कटोरे में साफ जल भर कर चांदी का चौकोर टुकड़ा डालें और घर के उत्तरपूर्व में रखें।
  • नदी-तालाब के किनारे जा कर मछलियों को आटे की गोलियां डालें।
  • घर में काला और सफेद खड़ा सूरमा रखें और संभव हो तो उसे आंखों में लगा लें।
  • घर में कम से कम 150ग्राम चांदी का ठोस हाथी घर में रखें। हाथी की सूंड ऊपर उठी हो
  • मिट्टी के बर्तन में शहद भारकर उसे ढंककर घर में कहीं उचित स्थान पर रखें।
  • देशी गुड़ काली गाय को खिलांए। गाय काली न मिले तो जो मिल जाए उसे गुड़ खिलांए
  • उल्टे तबे पर एक तरफ सिकी रोटी या तंदूर में सिकी रोटी पर थोड़ा सा सरसों का तेल लगाकर कुत्ते को खिलाएं
  • मंदिर में सफेद और काला दोरंगी कंबल दान करें या किसी गरीबों को बांटे
  • अपने पहने हुए कपड़े, मगर फटे-पुराने न हों, सफाईकर्मचारी, मिट्टी के बर्तन बनाने वालों या अपने सुरक्षाकर्मियों को दें।
  • पेड़-पौधों,चींटी,पशु-पक्षी, गाय, कुत्ता, कौवा,  अनाथ,  निशक्त-वृद्ध जनों के लिए जल और अन्न की व्यवस्था करें।
  • पानी वाला नारियल लेकर अपने और अपने परिवार के सदस्यों के ऊपर से 21बार उतार कर जला दें। या
  •  6 नारियल लेकर इसी तरह 21 बार अपने ऊपर से उतार कर बहते जल में सिरा दें।

आज के दिन इतने उपायों में से जो भी आप कर सकते हों, उन्हें पूरे विश्वास के साथ करेंगे तो निश्चित तौर पर आपके संकट कम होंगे। किसी भी मास की चतुर्थी तिथि और आद्रा नक्षत्र में इन उपायों को किया जा सकता है। ध्यान रहे, मन में कोई शंका नहीं होनी चाहिए। ये सभी उपाय सात्विक हैं। इनका उपयोग किसी को हानि पहुंचाने की मंशा से न तो किया जा सकता है और न ही ऐसा विचार किया जाना चाहिए।