इलेक्ट्रिक कुकिंग की तरफ़ भारत तेज़ी से अपने क़दम आगे बढ़ा रही है।इसके लिए उपभोक्ता-केंद्रित दृष्टिकोण का पता लगाने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस पर एक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
आज जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार,यह सम्मेलन विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित किया जायेगा। विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को मनाया जाता है। ऊर्जा कुशल, स्वच्छ और किफायती ई-कुकिंग समाधानों की तैयारी तेज़ी से की जा रही है।
ईंधन की बढ़ती कीमतों और आपूर्ति के दबाव में वृद्धि के साथ भारत को एक स्वच्छ, टिकाऊ और किफायती बिजली से खाना पकाने के समाधान की आवश्यकता है। ऐसा समाधान जो आयात पर निर्भरता को भी कम करे और ऊर्जा सुरक्षा को भी बढ़ाये। यह सम्मेलन वित्त, मांग एकत्रीकरण, कार्बन क्रेडिट और व्यवसाय मॉडल जैसे ई-कुकिंग समाधानों को अपनाने के लिए सक्षम करने वालों का पता लगायेगा।
CLASP के सहयोग से ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE), विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित यह सम्मेलन संस्थागत उपभोक्ताओं, उपभोक्ता अनुसंधान समूहों, नीति निर्माताओं, थिंक टैंक, निर्माताओं और अन्य समर्थकों को एक साथ लाता है, ताकि इलेक्ट्रिक खाना पकाने के इस बदलाव पर रणनीति चर्चा की जा सके।
इलेक्ट्रिक कुकिंग पर ध्यान इस मान्यता पर आधारित है कि ई-कुकिंग मिशन LiFE (लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट) का एक प्रमुख रास्ता है, जो पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के लिए व्यक्तिगत और सामुदायिक कार्रवाई को बढ़ावा देने के लिए भारत के नेतृत्व वाला वैश्विक जनांदोलन हो। 2021 में ग्लासगो में 26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया मिशन LiFE लोगों को इस धरती के मददगार लोगों में इस तरह रूपांतरित करना चाहता है, जिससे कि स्थायी जीवन शैली को अपनाया जा सके।
खाना पकाने के लिए स्वच्छ ऊर्जा तक पहुंच भारत की ऊर्जा परिवर्तन यात्रा का एक महत्वपूर्ण पहलू है। खाना पकाने के ईंधन के संबंध में हम जो विकल्प चुनते हैं, उनका एक स्थायी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में भारत की प्रगति पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। एक बयान में कहा गया है कि भारत के स्वच्छ खाना पकाने के संक्रमण के लिए व्यक्तिगत और सामुदायिक कार्यों और ऊर्जा की खपत को बढ़ाने वाले निर्णयों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।
स्वच्छ खाना पकाने पर सरकार के जोर पर बोलते हुए, ऊर्जा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव, अजय तिवारी ने कहा: “स्वच्छ खाना पकाने के स्वास्थ्य, आर्थिक और पर्यावरणीय लाभों को चिह्नित करते हुए भारत सरकार ने स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन को बढ़ावा देने वाली नीतियों को प्राथमिकता दी है। विद्युतीकरण पर जबरदस्त प्रगति के साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा से उत्पन्न होने वाली बिजली आपूर्ति की बढ़ती हिस्सेदारी के साथ बिजली से खाना पकाने के समाधान भारत को जलवायु के अनुकूल, स्वस्थ और टिकाऊ भविष्य की ओर ले जाने का एक बड़ा अवसर प्रदान करते हैं।
अतिरिक्त सचिव ने बताया कि इंडक्शन कुकस्टोव के लिए दक्षता नीति के साथ अगला महत्वपूर्ण कदम कुशल और किफायती उत्पादों को व्यापक रूप से अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। “ई-कूकिंग के संक्रमण को उपभोक्ताओं को रणनीति के केंद्र में रखना चाहिए। उपभोक्ता की जरूरतों को समझना और उन्हें एक जनांदोलन बनाने में भागीदार बनाना इस परिवर्तन के केंद्र में होना चाहिए।”
ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के महानिदेशक अभय बाकरे ने कहा, “भारत सरकार ने ई-कुकिंग को बढ़ावा देने के लिए गो इलेक्ट्रिक अभियान शुरू किया है।”
इस सम्मेलन में ई-कुकिंग मार्केट ट्रांसफॉर्मेशन प्रोग्राम पर एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड द्वारा एक प्रेजेंटेशन और ई-कुकिंग को बढ़ावा देने के लिए की गयी पहल पर बीईई द्वारा प्रेजेंटेशन भी होगा।