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किराना की दुकान चलाकर मौली ने ऐसे किये अपने सपने पूरे, बेहद दिलचस्प है कहानी

मौली जॉय की कहानी

Motivational Story: कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है। बस जरूरत होती है उसे मन से करने की। वैसे यह भी सच है अगर मन और प्रयास से कोई भी काम किया जाये तो कुछ भी असंभव नहीं है। इस बात को खुद केरल की एक महिला ने साबित कर दिया है। घूमने का शौकीन आखिर कौन नहीं होता। हममे से कई सारे लोग ऐसे हैं जो पूरी दुनिया की सैर करना चाहते हैं। लेकिन उसके लिए बहुत सारा पैसा होना जरूरी है। हर किसी के लिए दुनिया घूमना संभव नहीं। खासकर लोअर मिडिल क्लास के लोगों के लिए। मीडियम क्‍लास तो फॉरेन टूर करने का सपना ही देखता रह जाता है। न उसके पास कभी पैसे जुड़ते हैं न विदेश भ्रमण हो पाता है। लेकिन, चाहत मुकम्‍मल हो तो मंजिल भी मिलती है। मामूली सा ग्रॉसरी स्‍टोर चलाने वाली मौली जॉय इसका उदाहरण हैं।

एक छोटी सी किराना की दुकान चलाने वाली मौली जॉय इसका एक अच्छा खासा उदाहरण है। वह अपनी दुकान से छोटी-छोटी बचत करके दुनिया के अब तक 11 मुल्‍क घूम चुकी हैं। इस दौरान मौली ने दो बार यूरोप ट्रिप की है। देश का कोना-कोना घूमा है। बस, यही उनका एकमात्र शौक है। अपने बिजनस से वह अपने इस शौक को पूरा करने के लिए ही सेविंग करती हैं। पति के निधन के बाद जब वह बुरी तरह टूट गई थीं, तो इसी ने उन्‍हें हादसे से उबरने में मदद की।

बचपन से ही मौली का दुनिया घूमने का शौक था, लेकिन गरीबी के चलते वह अपने इस सपने को पूरा नहीं कर पा रही थी। वह केरल के एक गरीब परिवार की लड़की थीं। मौली तो स्‍कूल ट्रिप तक नहीं कर पाती थीं। 10वीं के बाद उनकी पढ़ाई पर ब्रेक लग गया। थोड़े समय बाद जॉय नाम के एक शख्‍स से उनकी शादी हो गई। जॉय चित्रपुझा के रहने वाले थे। दोनों ने 1996 में परचून की दुकान खोली थी। तब वह दक्षिण भारत में छोटी-छोटी ट्रिप पर निकल जाते थे। जॉय को भी मौली के घूमने का शौक पसंद था। वह इसमें हिस्‍सेदार बना चाहते थे।

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मौली की दुनिया अचानक बदल गई

साल 2004 में मौली के पति जॉय का निधन हो गया। उस समय उनके दोनों बच्‍चे पढ़ाई कर रहे थे। जिसके बाद दुकान की पूरी जिम्‍मेदारी मौली पर आ गई। उन्‍होंने अपने बच्‍चों को पढ़ाने-लिखाने में जरा सी भी कमी नहीं छोड़ी। नतीजा यह हुआ कि बेटे को विदेश में जॉब मिल गई और बेटी की शादी हो गई। इसके बाद 62 साल की मौली के पास काफी समय बचता था। जिसके बाद मौली ने फिर से अपने शौक को पूरा करने का मन बनाया।

मौली ने सबसे पहले ट्रिप अपनी बेस्ट फ्रेंड मैरी के साथ दक्षिण भारत के कई जगहों पर घूमने गईं। इनमें मदुरै, ऊटी, कोडाइकनाल, मैसूर शामिल थे। जिसके बाद साल 2012 में उन्‍होंने पहली यूरोप ट्रिप की थी। इसमें उनका कुल खर्च 1.5 लाख रुपये का खर्च आया था। पिछले 10 सालों में 10 लाख रुपये जोड़कर उन्‍होंने 11 मुल्‍कों की सैर की है। यूरोप ट्रिप के बाद मौली ने साल 2017 में वह मलेशिया और सिंगापुर घूमने गईं। इसके अगले साल वह उत्‍तर भारत घूमीं। 2019 में वह दूसरी बार यूरोप ट्रिप पर गईं।

15 दिन अमेरिका में की मस्ती

कोरोना महामारी में लॉकडाउन और आने-जाने की पाबंदियों के बीच मौली का घूमना बंद हो गया था। जसिके बाद पैसे जोड़कर नवंबर 2021 में उन्‍होंने अमेरिका टूर किया। अमेरिका में वह न्‍यूयॉर्क, वाशिंगटन, फिलाडलफिया, पेनसिलवेनिया और न्‍यूजर्सी गईं। उनका यह टूर 15 दिन का था। नियाग्रा फॉल और लास वेगास में यूनिवर्सल स्‍टूडियो मौली के दिल में बस गए हैं। मौली की बस एक ही इच्‍छा है। हमेशा घूमते-फिरते रहने की।