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Hanuman Janmotsava 2022: हनुमान जन्मोत्सव पर ऐसे करें पूजा, खत्म हो जाएंगे रोग-शोक-शत्रु, धन दौलत में होगी वृद्धि

Hanuman Janmotsava 2022

पौराणिक कथाओं के अनुसार अंजनी नंदन पवन पुत्र हनुमान का अवतरण चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हुआ। हनुमान जन्मोत्सव पर विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करने और व्रत आदि करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है। भारत में कई संत हुए हैं जिन्हें हनुमान जी की कृपा प्राप्त रही है, मगर बाबा नीब करोरी महाराज के नाम से विख्यात संत की ख्याति दुनियाभर में है। हनुमान जन्मोत्सव पर बाबा नीब करोरी के दिल्ली में माण्डी रोड पर जौनापुर आश्रम से लेकर बाभनिया (गुजरात) विभिन्न सिद्धस्थानों पर हनुमान जन्मोत्सव में देश-विदेश के तमाम श्रद्धालु एकत्र होते हैं। उत्तराखण्ड में बाबा नीब करोरी के कई सिद्ध स्थान हैं, इनमें सबसे ज्यादा चर्चित कैंची धाम है। नैनीताल के हनुमान गढ़ी, भूमियाधार और काकरीघाट और उत्तर प्रदेश के वृंदावन समाधि स्थल और फर्रूखाबाद के नीबकरोरी धाम में हनुमान जन्मोत्सव पर श्रद्धा का सागर हिलोरे मारता है। उत्तर प्रदेश की राजधानी में हनुमान सेतु स्थित संकटमोचन हनुमान मंदिर में तो ब्रह्म मुहूर्त से हनुमान भक्त बाबा के अनुयाईयों का तांता लगा हुआ है।

आज ही उज्जैन महाकाल के निकट मंगलनाथ मंदिर में भी हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए अनुष्ठान करने वालों की भीड़ उमड़ी हुई है।

 बहरहाल, शनिवार को हनुमान जन्मोत्सव रवि योग है। शनिवार को रवि योग में हनुमान जन्मोत्सव सभीप्रकार के दोषों को दूर करने और कार्यों को सफलता प्रदान करने में सक्षम है। यह प्रात: 5बजकर 55मिनट से शुरू होकर सुबह 8बजकर 40मिनट तक है। इस मुहूर्त में हनुमान जी की पूजा विशेष कल्याणकारी साबित होती है। सुबह 8बजकर 40मिनट से चित्रा नक्षत्र शुरू हो जाएगा। जो लोग रवियोग में हनुमानजी की पूजा न कपाए वो चित्रा नक्षत्र में हनुमान जी की साधना करेंगे तो उनके सब मांगलिक कार्य निश्चित पूरे होते हैं। इसके अलावा अभिजित मुहूर्त 11बजकर 55मिनट से लेकर 12बजकर 47मिनट तक बाबा नीबकरोरी महाराज के किसी भी धाम में की गई हनुमत साधना से विशिष्ट लाभ मिलता है। 

हनुमान जन्‍मोत्‍सव कुछ चमत्कारी मंत्रों का जाप किया जाए तो जीवन के तमाम दुख-दर्द दूर हो जाएंगे और मनोकामनाएं भी पूरी होंगी। हनुमान स्‍त्रोत, हनुमान स्‍तुति मंत्र, हनुमान चालीसा और सर्व मनोरथ सिद्धि मंत्र का जाप करने से सारे कष्‍ट दूर होते हैं।

हनुमान जी की स्तुति के कुछ चमत्कारी मंत्र-

1-

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् । सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं। रघुपतिप्रियभक्तं वातात्मजं नमामि। यत्र यत्र रघुनाथकीर्तनं तत्र तत्र कृतमस्तकांजलिम। वाष्पवारिपरिपूर्णालोचनं मारुतिं नमत राक्षसान्तकम्।

2- सर्व मनोरथ सिद्धि मंत्र

अंजनी के नन्द दुखः दण्ड को दूर करो सुमित को टेर पूजूं। तेरे भुज दण्ड प्रचंड त्रिलोक में रखियो लाज मरियाद मेरी। श्री रामचन्द्र वीर हनुमान शरण में तेरी।

3- 'बजरंग बाण' बहुत प्रभावशाली है

बजरंग बाण मंत्र भी शाबर मंत्र की श्रेणी में आता है। इसका प्रभाव बहुत ही तेज माना गया है. इसलिए इसके नाम के पीछे चालीसा और कवच नहीं बाण लिखा है क्योंकि बाण का अर्थ है निर्धारित लक्ष्य को भेदना. ऐसा कोई हथियार जिसके अलावा कोई भगवत कृपा पाने की कोई और रास्ता न हो।

सारे प्रयास जब असफल हो जाएं तब करना चाहिए इस मंत्र का प्रयोग

माना जाता है कि बजरंग बाण का उच्चारण तब करना चाहिए जब सभी किए जा रहे उपाय असफल हो जाएं. जब विपदा बहुत प्रबल हो जाती है तब इस पाठ का करना अति शुभ फल देने वाला होता है।

4- मंगल दोष के उपाय

हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें। पूजन के दौरान ऊं हं हनुमते नमः, ओम् भोमाय नमः और ओम् अंगारकाय नमः मंत्र का जाप करें। शाम के वक्त हनुमान मंदिर में जाकर हनुमानजी को लाल सिंदूर चढ़ाएं। वह लाल मसूर का दान करें। ऐसा करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं। भक्तों के मनोवांछित फलों को पूर्ण करते हैं। वायु पुत्र की पूजा करने से शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं। वह मंगल दोष भी दूर होता है।

कुछ लोग हनुमान जी का जन्मोत्सव कार्तिक पक्ष की पूर्णिमा को भी मानते हैं। लेकिन उसे विजय जयंती के नाम से उत्सव मनाया जाता है। दोनों ही अवसरों पर भगवान राम का ध्यान करते हुए हनुमान जी के द्वादशश्ररी मंत्र का जप करना चाहिए। यह द्वादशक्षरी मंत्र है- हं हनुमते रुद्रात्मकाए हुं फट।