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Hindi Diwas: दुनिया में तेजी से बढ़ा हिंदी का वर्चस्व, देसी या विदेशी हर ब्रांड की जरूरत

Hindi Diwas: दुनियाभर में हिंदी का दायरा तेजी से बढ़ रहा है। हिन्दी अब केवल सरकारी दस्तावेजों की भाषा नहीं रही। जैसे-जैसे भारत एक बड़े मार्केट के रूप में उभर रहा है,उसी के साथ-साथ हिन्दी का दायरा भी बढ़ रहा है। विदेशी कंपनियों (Foreign Companies) को भारत में कारोबार विस्तार के लिए हिन्दी भाषी लोगों की जरूरत पड़ रही है। दुनिया का कोई ऐसा कोना नहीं जहां पर हिंदी भाषा न हो। वैश्विक परिदृश्य में हिन्दी की स्वीकार्यता का ही परिणाम है कि आज विश्व में तकरीबन 75 करोड़ लोग हिंदी भाषी हैं। दिलचस्प बात, अमेरिका के साथ-साथ यूरोप और अफ्रीकन देशों में हिंदी को लोग पसंद कर रहे हैं और विश्व के सभी प्रमुख विश्वविद्यालयों में हिंदी की शिक्षा दी जा रही है।

सिर्फ अमेरिका ही नहीं बल्कि यूरोप और अफ्रीकन देशों में हिंदी को लोग पसंद कर रहे हैं। वहीं इंटरनेट की बात करें तो हिंदी का प्रयोग इतना हो रहा है कि विशेषज्ञ यह तक मानने लगे हैं कि कुछ ही सालों में यह संख्या अंग्रेजी में इंटरनेट प्रयोग करने वालों से ज्यादा हो जाएगी। हिंदी की इसी बढ़ती ताकत को देखते हुए अब वैश्विक कंपनियां अपने ब्रांड को लोगों तक पहुंचाने के लिए हिंदी का सहारा ले रही हैं।

हिंदी भाषा इंटरनेट पर बढ़ रही है

इंटरनेट पर लगातार बढ़ रहे हिंदी भाषियों की वजह से हर ब्रांड के लिए हिंदी का प्रयोग जरूरी बनता जा रहा है, दरअसल वर्तमान में हर प्रोडक्ट की ब्रांडिंग सबसे पहले और सबसे ज्यादा इंटरनेट पर ही होती है और यहां हिंदी भाषियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, गूगल सर्च इंजन (google search engine) की एक रिपोर्ट में इसकी पुष्टि करती है, इसमें कहा गया है कि इंटरनेट पर हिंदी सामग्री पढ़ने वालों की संख्या प्रतिवर्ष 94% बढ़ रही है, जबकि अंग्रेजी में सामग्री पढ़ने वालों की संख्या में 17% गिरावट हो रही है, एक आंकड़े के मुताबिक दुनियाभर में तकरीबन 20 करोड़ लोग ऐसे हैं जो इंटरनेट पर हिंदी प्रयोग कर रहे हैं।

फ्लिपकार्ट-अमेजन सबकी जरूरत हिंदी

वैश्विक कंपनियां और ई-कॉमर्स कंपनियां अब एशिया में अपनी व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ा रही हैं, लोगों तक उनकी पहुंच का सबसे बड़ा माध्यम हिंदी ही बन रही है, इसके अलावा भी विश्व के 132 देशों में बसे भारतीय मूल के तकरीबन दो करोड़ लोग हिंदी में अपने कार्य निष्पादित करते हैं, ऐसे में अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, ओएलएक्स, क्विकर व दुनिया की अन्य ईकॉमर्स कंपनियां हिंदी भाषी ग्राहकों तक अपनी पहुंच बनाने के लिए हिंदी को अपना रही हैं, इसके अलावा सोशल मीडिया, मसलन फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब भी हिंदी को अपना रहे हैं।

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किसी भी प्रोडक्ट की ‘भावना’ है ब्रांडिंग

ब्रांडिंग वह प्रक्रिया है जो किसी भी प्रोडक्ट या सर्विस को शक्ति देती है, यह किसी प्रोडक्ट या कंपनी की आंतरिक भावना की तरह, और यह भावना उसी भाषा में ही जाहिर हो सकती है, जिसे लोग सबसे ज्यादा समझते हों, क्योंकि ब्रांडिंग ही कंपनी या प्रोडक्ट के विकास और भविष्य को सुनिश्चित करती है, हिंदी यह काम आसानी से इसलिए करती है, क्योंकि वह चीनी भाषा और अंग्रेजी के बाद विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है, विश्वभर की भाषाओं की संस्था एथ्नोलॉग भी ये मानती है कि हिंदी अगर इसी तरह प्रगति करती रही तो जल्द ही ये विश्व में तीसरे नंबर से दूसरे पर आ जाएगी।

आईएन ब्यूरो

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